क़िताबें

व्यक्तित्व

इन्दौर। हिन्दी तन मन, हिन्दी जीवन के भाव के साथ एक दशक से लगातार हिन्दी के प्रचार-प्रसार और विस्तार में जुटे मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ को वर्ष 2024 का हिन्दी सेवी सम्मान नईदिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में 6 दिसम्बर को प्रदान किया जाएगा। देशभर […]

इन्दौर। नगर की साहित्यिक संस्था क्षितिज के द्वारा आयोजित किए गए सप्तम अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन 2024 में अध्यक्ष पद से बोलते हुए साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ विकास दवे ने कहा कि, “लघुकथा का शिल्प अद्भुत होता है और यह सर्वाधिक आकर्षित करने वाली विधा है। आज के समय […]

इन्दौर। साहित्य के उत्थान को लक्ष्य रखकर रबिन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय व आईसेक्ट द्वारा स्थापित वनमाली सृजन पीठ की इन्दौर शाखा का उद्घाटन सोमवार को मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्ल, अध्यक्षता प्रो. रुपाली सारये, विशिष्ट अतिथि मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ व प्रो. […]

निश्चित रूप से आप से बेहतर इस दुनिया में क्या हो सकता है! पाठक आप, लेखक आप, श्रोता आप, सहयोगी आप और आप ही हैं इस यात्रा की अर्जित कमाई। 12 नवम्बर 2016 को केवल इतना सोचकर एक वेबसाइट को शुरू की थी कि ‘हिन्दी के लोगों का उत्कृष्ट लेखन […]

सिडनी। ऑस्ट्रेलियांचल पत्रिका ने शनिवार को जूम के माध्यम से ऑस्ट्रेलियांचल फेसबुक लाइव द्वारा पावन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी का आयोजन संस्थापक और संपादक डॉ. भावना कुँअर और पत्रिका के संरक्षक प्रगीत कुँअर ने किया। गोष्ठी ऑस्ट्रेलिया के जाने माने साहित्यकार विजय कुमार सिंह की स्वर्गीय पत्नी श्रीमती चमन […]

इन्दौर। सुप्रसिद्ध धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में अय्यर का किरदार निभाने वाले सुप्रसिद्ध अभिनेता तनुज महाशब्दे ने ‘मासिक साहित्य ग्राम’ के दीपावली विशेषांक का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि ‘साहित्य जगत् की पहली पसंद बनता जा रहा है साहित्य ग्राम। यह अनवरत पाठकों का प्रेम प्राप्त करता रहे।’ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।