क़िताबें

व्यक्तित्व

आज के परिवेश में अभिभावकों को बच्चों की चिंता है, बच्चे अपने अभिभावकों को मित्र मानें- डॉ. अर्पण जैन भीकनगाँव। अंचल के ग्राम गोराडिया स्थित ज्ञान सागर वात्सलय संस्थान द्वारा संचालित ज्ञान सागर हाई स्कूल में क्षेत्र के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। प्रतिभा सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि […]

गाँव-गाँव पहुँच रहा हस्ताक्षर बदलो अभियान भीकनगाँव। मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा संचालित हस्ताक्षर बदलो अभियान कवि कृष्णपाल सिंह के नेतृत्व में गोराड़िया ग्राम स्थित ज्ञान सागर हाई स्कूल में पहुँचा। छात्रों ने अपने हस्ताक्षर अन्य भाषा से बदलकर हिन्दी में करने का निर्णय लिया। कवि कृष्णपाल सिंह ने बताया कि […]

इंदौर। श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति द्वारा प्रति शुक्रवार आयोजित होने वाले ‘सृजन विविधा’ सम्पन्न। कार्यक्रम में डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ का आतिथ्य रहा। डॉ. पद्मा सिंह ने कहा कि ‘कविता की परिधि और व्याकरण का ध्यान रखकर रचना का सृजन करना महत्त्वपूर्ण होता है।’ काव्य पाठ सत्र में किशोर […]

भावना शर्मा सह संपादक- साहित्य ग्राम निदेशक- संस्मय प्रकाशन शब्द ब्रह्म की आराधना है, अक्षरों की अधिष्ठात्री का आशीर्वाद है। शब्दों की स्याही से सोच के पंख खुलते हैं और पुस्तक इसे उड़ान देती है। पुस्तकें मानव सभ्यता की अमूल्य धरोहर हैं। वे न केवल ज्ञान का भंडार हैं, बल्कि […]

वृक्ष घाव नहीं, छावँ देते हैं इन्दौर। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा वृक्षारोपण एवं पर्यावरण के प्रति जागरुकता के लिए तैयार किए पोस्टर का लोकार्पण इन्दौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी, उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी, कोषाध्यक्ष संजय त्रिपाठी, कार्यकारिणी सदस्य विपिन नीमा ने किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष […]

मोहनदास करमचंद गाँधी और इन्दौर का एक नाता ऐसा है जो जीवन पर्यंत हर हिन्दीप्रेमी स्मरण करता रहेगा। 3 जून 1918 को गांधीजी की अध्यक्षता में इंदौर में ‘हिंदी साहित्य सम्मेलन’ आयोजित हुआ और उसी में पारित प्रस्ताव द्वारा हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। इन्दौर में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।