सबके चेहरों पर चिंता के बादल मंडरा रहे हैं। अम्मा की तबीयत है कि सुधरने की बजाय और बिगड़ती ही जा रही है।कैसी कुम्हला गयीं हैं अम्मा।अब उनका दुख देखा नहीं जाता उनकी कराह से मन दुखी हो रहा है। “अम्मा! अम्मा!” गुलमोहर की डाल पर बैठी चींचीं ने पुकारा […]
लघुकथा
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