रेल चली भई रेल चली अपनी प्यारी रेल चली इंजन सीटी जब देता है लगे ख़ुशी की ठेल चली रेल चली भई रेल चली.. कोई नानी के घर जा रहा किसी को चाचू बुला रहा करके ये, धक्कम पेल चली रेल चली भई रेल चली.. खेतों के बीच पहाड़ों से […]

दीप जलेंगे घर – घर,हर घर जगमगायेगा। छोटे – छोटे बच्चों से हर घर चहक जाएगा।। ना परीक्षा की कोई तैयारी होगी, ना स्कूल ही कोई बच्चा जाएगा। दीवाली की छुट्टियों का अपने घर पर हर बच्चा खूब मौज उड़ाएगा।। हाथों में फुलझड़ियां खूब जलाएंगे। चकरी जलाकर जोर से सब […]

छोटे-छोटे बच्चो ने होली पर बनाई है अपनी एक टोली। पानी से पिचकारी भर ली और रंगों से भर ली है झोली।। पानी से गुब्बारों को भरकर आज मनाएंगे सब होली। भीगे मुन्नी,भीगे मुन्ना,नाच नाच कर सब बच्चे खेले होली।। छोटे-छोटे बच्चो के संग उनके दादा-दादी भी खेले होली। बच्चो […]

भाई बहन का प्रेम अमर रक्षाबंधन दरसाता है भाई न रूठे बहन से यह हमें सिखाता है। रूचना रोली से बहनें भाई का भाल सजातीं हैं बॉध कलाई में डोरी मुंह मीठा करातीं हैं। बहनें भाई से पैसे पाकर आशीषें दें मुस्कातीं हैं। #सुरेश सौरभ लखीमपुर खीरी उ० प्र० Post […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।