14 सितम्बर हिन्दी दिवस विशेष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ भाषाओं की मर्यादाएँ, सीमाएँ न केवल संवाद की मध्यस्थता तक हैं बल्कि राष्ट्र के समृद्ध सांस्कृतिक वैभव का परिचय भी भाषाओं के उन्नयन से ही होता है। जिस तरह समग्र विश्व में आज भारत की पहचान में तिरंगा, राष्ट्रगान वन्दे मातरम […]

बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जयंती विशेष – डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ धरती जब किसी चरित्रवान नेतृत्व को जन्म देती है तो निश्चित तौर पर यह नेतृत्व का ही मान नहीं होता बल्कि धरती का भी गौरव स्थापित होता है | ऐसा ही एक गौरव मालवा की धरती को भी मिला […]

इंदौर प्रेस क्लब कभी राजनेताओं के पीछे नहीं भागा, राजनेताओं और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अपनी बात कहने के लिए इंदौर प्रेस क्लब को ही चुनते थे। कोई राजनेता, अधिकारी, कलाकार या बड़ी हस्ती किसी भी क्षेत्र की हो, वह प्रेस से मिलिये में आने के लिए आतुर रहते थे। इंदौर […]

● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ साहित्य उत्सवों का नाम बदलकर मौज मस्ती उत्सव कर देना ज़्यादा सार्थक और असरदार है क्योंकि इससे साहित्य के भीतर की मलीनता पनपने से बचेगी और साहित्य के नाम पर जनता से छलावा नहीं होगा। जाड़े का मौसम आ चुका है और हर बार की […]

आप सभी से साझा करते हुए हर्ष हो रहा है की मध्य प्रदेश हिंदी माध्यम में चिकित्सा शिक्षा प्रारंभ करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। ये हम सभी के लिए गर्व का विषय है। स्वराज अमृत महोत्सव वर्ष में गुलामी की मानसिकता को छोड़ आत्मगौरव के […]

भारत त्योहारों का देश है, यहाँ हर त्योहार का अपना अलग महत्व है और ऐसे ही महत्त्व के बीच जब कोई त्योहार प्राकृतिक पूजन और सांस्कृतिक समन्वय आधारित हो, वह अपने आप में राजतिलक हो जाता है। इसी तरह प्रकृति से जुड़ा त्योहार हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।