साक्षात्कार: कबीर पंथ प्रमुख आचार्य विवेकदास जी व डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ की बातचीत कबीर चौरामठ मूल गादी के महंत और कबीर पंथ के वैश्विक प्रमुख संत विवेकदास आचार्य जी का इन्दौर प्रवास के दौरान लेखक व पत्रकार डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने साक्षात्कार लिया। आचार्य जी विगत आधी शताब्दी […]

● भावना शर्मा, दिल्ली पुस्तक ‘समय अभी तक वहीं खड़ा है…’ में धार्मिक, आध्यात्मिक, वैचारिक, प्रेम, इत्यादि अनेक विषय पर बात हुई है। जो कविताएँ तुकात्मक नहीं हैं, वो भी गेय हैं। इस मिज़ाज के कवि खाचरोद, उज्जैन निवासी कल्पेश वाघ का यह पहला काव्य संग्रह है। आज मातृभाषा.कॉम की […]

● भावना शर्मा, दिल्ली कविता मानव मन के मनोभावों को शब्दों के मोतियों के रूप में गढ़ने का कार्य है और उन कविताओं का पुस्तकबद्ध हो जाना यानी कि सैंकड़ो मोतियों को एक माला में गूँथकर सुंदर गलकंठिका बनाने जैसा कार्य है। निश्चित तौर पर जैसे यह गलकंठिका रूपसी के […]

साक्षात्कार- डॉ वासिफ काज़ी के साथ प्रिंस बैरागी का लेखन की कशिश से निखर गए डॉ काज़ी प्रिंस बैरागी एक मुलाक़ात ऐसे शख्स के साथ जिन्होंने हिन्दी-उर्दू समन्वय के साथ अपनी रचनाओं को पाठकों के मन पर अंकित करने में सफलता अर्जित की है। मालवा की धरती के सुकुमार शायर, […]

शहर-दर-शहर ग़ज़ल को लेकर डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ की ‘अहद’ प्रकाश से बातचीत   अर्पण: शहर-दर-शहर ग़ज़ल की प्रेरणा आपको कैसे मिली? अहद प्रकाश: डॉ. बशीर बद्र हमारे प्रेरणा स्रोत रहे। आज वह हर आम-ओ-ख़ास हिन्दुस्तानी जबान के चाहने वालों की चाहत हैं। शहर-दर-शहर ग़ज़ल प्रोग्राम की शुरुआत भी हमने […]

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     मॉरीशस के प्रख्यात साहित्यकार श्री अभिमन्यु अनत से जवाहर कर्णावट की बातचीत मॉरीशस विश्व के उन चुनिंदा देशों में से एक है, जहाँ भारतीय भाषाओं और संस्कृति का प्रवाह आज भी गतिमान है. मॉरीशस की भूमि पर हिन्दी एवं भारतीय भाषाओं का प्रवेश सन् १८१० में हो चुका […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।