बरस यह अद्भुत नवेला आया, चरण रामलला के अयोध्या लाया। राजीव लोचन अवध पधारे, सिया संग लखन भी पैर पखारे। हनुवंत संग वानर सेना भी आए, अवधवासी सेवा कर मुस्कराए। नित्य धूप-दीपारती साँझ सवेरे, भाग्यवान है इस स्वर्ग में सारे। राम राज्य आते देख नैनों से, जन्म सफल है देह […]

मर्यादा पुरुषोत्तम हैं राम, सबके मुख पर हैं बस राम ही राम। राम नहीं किसी एक धर्म के, राम नहीं किसी एक वर्ण कै। सबके दिल में रहते राम, सुबह बोलो या बोलो शाम। हिन्दुस्तान में है मंदिर राम, पाकिस्तान में भी मंदिर राम। ब्रिटेन में है मंदिर राम, अमेरिका […]

आओ, फूल बरसाओ सखी री, रामलला घर आए हैं, मंगल गान गाओ सखी री, रामलला घर आये हैं।। जूही, बेला और चमेली, केवड़ा भी तो लाओ री, इत्र–चंदन लाओ सखी री, रामलला घर आए हैं।। ढोल-मंजीरा ख़ूब बजाओ, और संग मृदंग भी, ज़ोर से शंख बजाओ सखी री, रामलला घर […]

था एक दृढ़ संकल्प नहीं था कोई विकल्प, दुनिया में है अब एक विशाल पवित्र प्रकल्प। अपार सद्गुणों के महासागर प्रभु श्रीराम, परहित जन्में राम, परहित किए सदकाम। रामराज्य लाने हित जिएँ हम सब आठों याम, संगठित सज्जन रामकाज किए बिना नहीं करें विश्राम। भारतीय संस्कृति का है मूल आधार […]

राम नाम की महिमा न्यारी राम-कथा कहें हम प्यारी वाल्मीकि ने कही अनूठी तुलसी कहें मन को छूती कहें आज हम अपनी वाणी कहें राम-कथा हम न्यारी जय सियाराम, जय सियाराम। कौशल्या-दशरथ के आँगन मनुज रूप धर आए राम त्याग अपना बैकुंठ धाम बालक बन खेले प्रभु राम घुटुरुनि चलें […]

इंदौर। राम जन्मभूमि पर रामलला के मंदिर के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा पर साहित्य अनुराग के उद्देश्य से मातृभाषा डॉट कॉम द्वारा कविता लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें देवास की लेखिका यशोधरा भटनागर विजेता रहीं। मातृभाषा डॉट कॉम के सम्पादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘उक्त कविता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।