संस्कारों का पहन के जामा, दया, धर्म की थी दीवानी। कर्म योगिनी, राजयोगिनी, अहिल्याबाई बनी कल्याणी। शासन का परचम फहराकर, धर्म ध्वजा को लहराकर। हरा दिया मुगलों को उसने, ऐसी थी अहिल्या महारानी। बहुत रूप होते नारी के, सभी रूपों में जीती है। अमर हो गई वो इतिहास में, शासक […]
सॉनेट शाला करूँ अर्पण-समर्पण मैं, जगे अभ्यास की ज्वाला। करूँ छंदों का तर्पण मैं, तृप्त हों हृद-सलिल-शाला। भवानी शारदा माता, रखूँगी एक अभिलाषा। सुमति अल्पज्ञ भी पाता, समर्पण ही सहज भाषा। जगाऊँ नाद मैं ऐसे, जगत गूँजे अलंकारों। सकल ब्रह्मांड में जैसे, शबद हुंकार चौबारों। सुगम-सी काव्यमंजूषा। छंद सॉनेट की […]
इन्दौर। निमाड़ के गौरव एवं अपनी सर्जना से निमाड़ी बोली को पहचान दिलवाने में महनीय भूमिका निभाने वाले साहित्यकार जगदीश ‘जोशीला’ को मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म श्री से सम्मानित किया। पद्मश्री अलंकरण के उपरांत इन्दौर में प्रथम नगर आगमन पर मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा श्री जोशीला का […]
पुस्तक समीक्षा ◆ डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ राष्ट्रीय अध्यक्ष, मातृभाषा उन्नयन संस्थान, भारत पुस्तक- अन्वीक्षण (लघुकथा संबंधी समीक्षाएँ, आलेख, पत्र) लेखक- संतोष सुपेकर मूल्य- 300/- प्रकाशन- अक्षरवार्ता पब्लिकेशंस, उज्जैन एक ऐसी विधा जो अपने अस्तित्व पर प्रतिदिन हमले झेलती है, कोई लघु कहानी या लघु व्यंग्य दर्शाता है, कोई कहानी […]