डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्यप्रदेश के मालवा, निमाड़ के प्रमुख पर्व में शामिल संझा पर्व श्राद्ध में भाद्रपक्ष शुक्ल पूर्णिमा से मनाया जाता है। कुँआरी बालिकाएँ घर के बाहर दीवार पर संझा की आकृति बनाकर उनके गीत गाती हैं, इसके बाद पूजा अर्चना कर बालिकाएँ घर–घर जाकर यह गीत लोगों […]

महासमाधि दिवस — डॉ.मधुसूदन शर्मा दरअसल, श्यामाचरण लाहिड़ी महाशय दिव्य शक्तियों से संपन्न एक ऐसे योगी थे जिन्होंने , पारिवारिक बंधनों और सांसारिक कर्तव्यों से दबे लाखों लोगों को आध्यात्मिक उत्थान की राह दिखायी। लाहिड़ी जी के अथक प्रयासों से गृहस्थ – जीवन व्यतीत करने वाले लोगों में एक नई […]

● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ सृष्टि की सबसे प्राचीन संस्कृति सनातन संस्कृति है और इसके प्रत्येक उपक्रम, विधान, कर्मकाण्ड और प्रत्येक क्रिया के केन्द्र में ‘समाज’ विद्यमान है। उसी पुरातन संस्कृति में आराधना का एक विधान उपवास भी है। लोकाचार अथवा श्रद्धानुसार लोग उपवास करते हैं। लेकिन उपवास का सही […]

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम को सिर्फ़ भारतवासी ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में जानती, मानती है। ऐसे भगवान श्री राम के जन्मोत्सव या यूं कहिए प्रकटोत्सव की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं, बधाई। भारतीय संस्कृति का मूल सनातनी संस्कृति में है और यह आर्यवर्त यानी […]

भारत त्योहारों का देश है, यहाँ हर त्योहार का अपना अलग महत्व है और ऐसे ही महत्त्व के बीच जब कोई त्योहार प्राकृतिक पूजन और सांस्कृतिक समन्वय आधारित हो, वह अपने आप में राजतिलक हो जाता है। इसी तरह प्रकृति से जुड़ा त्योहार हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष […]

ग्रन्थों, वेदों, पुराणों के पन्नों को जब-जब पलटा गया है, इतिहास का कोई नया पन्ना आगे लिखा गया है। उसमें मानव जाति के कल्याण के लिए किसी भी रूप में एक महान योद्धा का अवतरण का उल्लेख मिलता है जिसने मानव जाति को अत्याचारों की आंधी से निकाल कर प्रेम, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।