परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ किसी भी समाज, नगर या राष्ट्र के निर्माण की आधारशीला में जिन तत्त्वों की गणना अग्रणीय है, उनमें से साहित्य वरीय है। बौद्धिक आधार ही समाज के, समकाल के आचरण, सभ्यता और रमणीयता का कारण है। आज भारत अपने नवनिर्माण की ओर अग्रसर है, […]
परिचर्चा
परिचर्चा संयोजक- भावना शर्मा, दिल्ली बच्चों का बचपन और उनका समेकित विकास केवल शिक्षा ही नहीं अपितु पारिवारिक दायित्वों, रिश्तें–नातेदारों, माता-पिता, दोस्त इत्यादि से परिपूर्ण होता है। नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत भाषा, व्यक्तित्व इत्यादि शिक्षण तो विद्यालयों में करवाया जा रहा है किन्तु बच्चों के नैतिक विकास में परिवारों […]