परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ किसी भी समाज, नगर या राष्ट्र के निर्माण की आधारशीला में जिन तत्त्वों की गणना अग्रणीय है, उनमें से साहित्य वरीय है। बौद्धिक आधार ही समाज के, समकाल के आचरण, सभ्यता और रमणीयता का कारण है। आज भारत अपने नवनिर्माण की ओर अग्रसर है, […]

परिचर्चा संयोजक- भावना शर्मा, दिल्ली बच्चों का बचपन और उनका समेकित विकास केवल शिक्षा ही नहीं अपितु पारिवारिक दायित्वों, रिश्तें–नातेदारों, माता-पिता, दोस्त इत्यादि से परिपूर्ण होता है। नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत भाषा, व्यक्तित्व इत्यादि शिक्षण तो विद्यालयों में करवाया जा रहा है किन्तु बच्चों के नैतिक विकास में परिवारों […]

परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ देश ही नहीं अपितु विश्वभर में इस समय सोशल मीडिया बहुत आक्रामक शैली से कार्यरत है। कहते हैं यह घोड़ा बेलगाम होता जा रहा है, युवाओं में सोशल मीडिया आवश्यकता से कहीं अधिक लत बन चुका है। ऐसे दौर में यदि पीढ़ी को इस […]

परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ कविता के इतिहास से इस बात की गवाही मिलती है कि हर युग में कविता ने जनजागरण का कार्य किया है। कविता का मूल स्वभाव ही जनतंत्र की स्थापना और उनका जागरण है। 1923 में गयाप्रसाद सनेही जी द्वारा प्रारम्भ हुई कवि सम्मेलन परम्परा […]

परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ यूएनएफ़पीए की रिपोर्ट के अनुसार अब भारत विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश तो बन गया किन्तु इस जनसंख्या में युवाओं की संख्या अधिक है। अब इन युवाओं के बौद्धिक उत्थान के लिए उन्हें साहित्य से जोड़ना भी बहुत आवश्यक है। इसी दिशा में […]

परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ वर्तमान समय में देशभर में साहित्य का बोलबाला है। ऐसे दौर में महिला साहित्यकारों से समाज अधिक अपेक्षा करता भी है क्योंकि सृजन का पहला अधिकार आधी आबादी का रहा है। साहित्य जगत में महिलाओं ने अपनी भूमिका से सकारात्मकता का प्रसार किया है। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।