क़िताबें

व्यक्तित्व

ग्रामीण परिवेश से आए कुछ युवाओं में तेजी से आए परिवर्तन पर जब गौर किया और शिक्षक साथियों से चर्चा की तब भारतीय संस्कार और परम्पराओं पर उठे अनेक प्रश्नों ने विचलित कर दिया है।बात उनकी है जिन्हे हॉस्टल में रख कर शहरों में उच्चशिक्षा पाने और भविष्य बनाने के […]

-प्रो. संजय द्विवेदी भारतीय मीडिया अपने पारंपरिक अधिष्ठान में भले ही राष्ट्रभक्ति,जनसेवा और लोकमंगल के मूल्यों से अनुप्राणित होती रही हो, किंतु ताजा समय में उस पर सवालिया निशान बहुत हैं। ‘एजेंडा आधारित पत्रकारिता’ के चलते समूची मीडिया की नैतिकता और समझदारी कसौटी पर है। सही मायने में पत्रकारिता में […]

अखंड विश्व समा जाऐ एक शब्द गुरु में, संपूर्ण देवता समा जाऐ एक शब्द गुरु में। किसे करूं नमन प्रथम ईश्वर या गुरु को , ईश्वर का मार्ग दिखाए ,प्रथम प्रणाम गुरु को । राह में खड़क सौ पथ संचालित करे गुरु ही , अथाह समुद्र , नैया पार लगाऐ […]

पुस्तक- भारत के टॉप-10 क्रिकेट कप्तान लेखक- शरद श्रीवास्तव प्रकाशक – स्वयंयुग प्रकाशन, रायगढ़, महाराष्ट्र पृष्ठ- 252 मूल्य- 299/- भारतीय क्रिकेट के इतिहास को सरल शब्दों में शामिल करके लेखक ने भारत के सर्वश्रेष्ठ दस कप्तानों के व्यक्तित्व को सम्मिलित किया है। भारत ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वर्ष 1932 में […]

दिल्ली। मातृभाषा उन्नयन संस्थान की राष्ट्रीय सचिव भावना शर्मा को दैनिक हमारी वाणी एवं सारा सच द्वारा कॉन्स्टिट्यूशन क्लब, दिल्ली में राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में अतिथि फैशन आइकॉन प्रोमिला सिंह, राष्ट्रीय डेमोक्रेटिक प्रेस क्लब के सचिव व प्रधान संपादक सारा सच अहमद सिद्दीकी, शिक्षा शास्त्री […]

राष्ट्रधर्म निभाती है कविता- प्रो. भारद्वाज डॉ. कुँअर बेचैन की काव्य साधना जनपक्षधर – डॉ. शैलेन्द्र शर्मा उज्जैन। हिन्दी कवि डॉ. कुँअर बेचैन की जन्म जयंती पर मातृभाषा उन्नयन संस्थान, डॉ. कुँअर बेचैन स्मृति न्यास, ऑस्ट्रेलिया और विक्रम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्त्वावधान में काव्य कुँअर 2025 व काव्य दीप सम्मान […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।