क़िताबें

व्यक्तित्व

अकेले चलो या भीड़ में मंजिल पर कदम खुद ही रखना है। रो कर गुज़ारो तो भी गुज़रेगी जिंदगी, ज़रुरी मगर हँसना है।। हर कोई समेटे बैठा है दर्द का सैलाब भीतर ही भीतर तक। अपनी कहो या औरों की सुन लो सत्य पर ही अडिग सदा रहना है।। भरे […]

नईदिल्ली। साहित्य अकादमी ने सोमवार को अनुवाद विधा के पुरस्कार घोषित किए। इसमें इंदौर के वरिष्ठ लेखक और व्यास सम्मान से विभूषित साहित्यकार डॉ. शरद पगारे के प्रसिद्ध उपन्यास ‘गुलारा बेगम’ के पंजाबी भाषा में प्रकाशित अनुवाद को साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया है। इस पुरस्कार के अन्तर्गत […]

भाषाएँ और माताएँ अपने पुत्रों से सम्मानित होती हैं – प्रो. द्विवेदी हिन्दी विश्व की तकनीकी मित्र भाषा – डॉ. विकास दवे श्री मनोज श्रीवास्तव और प्रो. करुणाशंकर उपाध्याय हिन्दी गौरव अलंकरण 2024 से विभूषित देश के विभिन्न प्रान्तों से आए पाँच कवि काव्य गौरव अलंकरण से अलंकृत इंदौर। हिन्दी […]

श्री मनोज श्रीवास्तव और प्रो. करुणाशंकर उपाध्याय हिन्दी गौरव अलंकरण से होंगे विभूषित इंदौर। हिन्दी भाषा के विस्तार के लिए लगातार कार्यरत ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ रविवार को स्थानीय गोल्डन जुबली हॉल, श्री गोविन्दराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (एसजीएसआईटीएस) में दोपहर 2 बजे से हिन्दी गौरव अलंकरण समारोह आयोजित […]

जनसंचार के अप्रतिम विमर्शकार हैं प्रो. संजय द्विवेदी – गिरीश पंकज नई दिल्ली। ’प्रो. संजय द्विवेदी भारतीय मीडिया के अप्रतिम विमर्शकार हैं। वे समाधानपरक पत्रकारिता और मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता के ध्वजवाहक भी हैं।’ यह बात प्रख्यात साहित्यकार श्री गिरीश पंकज ने कही। श्री पंकज शनिवार को विश्व पुस्तक मेले में प्रो.संजय […]

इन्दौर। हिन्दी भाषा के लिए सतत् कार्यरत शहर के लेखक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ की पुस्तक ’हिन्दी विमर्श’ का लोकार्पण शनिवार को प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेला में हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार गिरीश पंकज, भारतीय जनसंचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, विशेष अतिथि […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।