नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में चल रहे साहित्य के सितारों का महाकुंभ यानी साहित्य आजतक 2025 के दूसरे दिन मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शनिवार को लेखिका चित्रा मुद्गल को इस वर्ष ‘आजतक साहित्य जागृति लाइफ़टाइम अचीवमेंट सम्मान’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान राज्यसभा […]

हिन्दी क्रिकेट कॉमेंट्री में सबसे पहले विख्यात कमेंट्रेटर है श्री दोशी नई दिल्ली। हिंदी में पहले क्रिकेट कमेंटेटर के तौर पर ऐतिहासिक योगदान देने और स्पोर्ट्स कमेंट्री के सिद्धहस्त योगदान के लिए पद्मश्री सुशील दोशी को इंग्लैंड के प्रतिष्ठित वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ़ एक्सीलेंस में शामिल किया गया है। उनकी शानदार […]

आज ऊपरी मंज़िल से गिरने वाली, मृत्यु के आगोश में समाने वाली, उस दुर्भाग्या का पोस्टमार्टम है। कोई कह रहा है हत्या है, कोई आत्महत्या? उस दुर्भाग्या की रूह शरीर के आसपास ही घूम रही थी। ख़ामोशी से सोच रही थी, काश! कोई ऐसा कानून होता जो मेरे मन का […]

जल मंदिर, जल देवता, जल पूजा, जल ध्यान। जीवन का पर्याय जल, सभी सुखों की खान।। जल की महिमा क्या कहें, जाने सकल जहान। बूंद-बूंद बहुमूल्य है, दें पूरा सम्मान।। जय जलदेव सकल सुखदाता, मात, पिता, भ्राता सम त्राता। सागर जल में विष्णु बिराजे, शंभु शीश गंगा जल साजे। इंद्र […]

भोपाल। मातृभाषा डॉट कॉम की 9वीं वर्षगाँठ पर प्रकाशित ‘ध्येय यात्रा’ के लिए मध्यप्रदेश के यशस्वी राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए संदेश प्रदान किया। Post Views: 16

मातृभाषा डॉट कॉम की 9वीं वर्षगाँठ पर प्रकाशित ‘ध्येय यात्रा’ के लिए मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन जी यादव ने अपना संदेश प्रदान किया। Post Views: 15

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।