पुस्तक- भारत के टॉप-10 क्रिकेट कप्तान लेखक- शरद श्रीवास्तव प्रकाशक – स्वयंयुग प्रकाशन, रायगढ़, महाराष्ट्र पृष्ठ- 252 मूल्य- 299/- भारतीय क्रिकेट के इतिहास को सरल शब्दों में शामिल करके लेखक ने भारत के सर्वश्रेष्ठ दस कप्तानों के व्यक्तित्व को सम्मिलित किया है। भारत ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वर्ष 1932 में […]

पुस्तक समीक्षा ◆ डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ राष्ट्रीय अध्यक्ष, मातृभाषा उन्नयन संस्थान, भारत पुस्तक- अन्वीक्षण (लघुकथा संबंधी समीक्षाएँ, आलेख, पत्र) लेखक- संतोष सुपेकर मूल्य- 300/- प्रकाशन- अक्षरवार्ता पब्लिकेशंस, उज्जैन एक ऐसी विधा जो अपने अस्तित्व पर प्रतिदिन हमले झेलती है, कोई लघु कहानी या लघु व्यंग्य दर्शाता है, कोई कहानी […]

पुस्तक समीक्षा ◆ डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ राष्ट्रीय अध्यक्ष, मातृभाषा उन्नयन संस्थान, भारत पुस्तक- पत्नी-एक रिश्ता लेखक- राधेश्याम माहेश्वरी मूल्य- 400/- मात्र प्रकाशक- ओस पब्लिकेशन, इन्दौर पुस्तक के होने का अर्थ किसी अक्षर या शब्द की प्रतिष्ठा ही है, यानी कि कोई अक्षर, कोई शब्द जब पुस्तक में उतरता है […]

पुस्तक समीक्षा – सींगवाले गधे (व्यंग्य) लेखक – प्रेम जनमजेय समीक्षक – डॉ. अखिलेश राव देश के प्रसिद्ध व्यंग्यकार प्रेम जनमजेय की पुस्तक “सींगवाले गधे” को देखते ही व्यंग्य के साथ हास्य उत्पन्न हुआ। मुहावरा पड़ा था ‘गधे के सिर पर सींग नहीं होते’ शीर्षक पढ़ते और आवरण पृष्ठ पर […]

पुस्तक समीक्षा पुस्तक- अर्थ तलाशते शब्द विधा- साक्षात्कार संकलन संपादक- श्री राकेश शर्मा, (संपादक, वीणा मासिक पत्रिका) प्रकाशन- बिम्ब-प्रतिबिम्ब प्रकाशन, फगवाड़ा (पंजाब) मूल्य- मात्र 320रु (198 पृष्ठ) किसी विद्वान के व्यक्तित्व के बारे में जानकारी या अध्ययन उनके साथ रहकर किया जा सकता है, कृतित्व का रेखांकन अथवा अध्ययन उनके […]

पुस्तक : बम- बम चिक- चिक गिली- गिली पाशा (बालगीत) लेखिका : निशा कोठारी प्रकाशक : शारदेय प्रकाशन( लखनऊ) कीमत : ₹300 मात्र कहते हैं कि छल- कपट ,दिखावे और पाखंड से भरी इस दुनिया में निश्छल और सरल होना सबसे कठिन काम है ।लेकिन यकीन मानिए कि बच्चों में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।