क़िताबें

व्यक्तित्व

आज हम एक ऐसे समय में खड़े हैं जिसे ‘रील युग’ कहा जाता है। यहाँ सब कुछ क्षणिक है, त्वरित है और आकर्षण पर आधारित है। इससे साहित्य भी अछूता नहीं। लघुकथा साहित्य की ऐसी विधा है, जो समाज के यथार्थ और जीवन के गहन सत्यों को प्रभावी ढंग से […]

नई दिल्ली। संस्मय प्रकाशन द्वारा कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया में आयोजित संस्मय सम्मान 2025 में मणिकांचन संस्था व संस्मय द्वारा प्रकाशित साझा संग्रह ‘मणिसंस्मय’ का लोकार्पण मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार चित्रा मुद्गल, व्यंग्यकार सुभाष चन्द्र, प्रो. हरीश अरोड़ा, पूर्व कुलपति बलदेव भाई शर्मा, कोर्ट स्पोर्ट एकेडमी के निदेशक डी के […]

इंदौर।बअपने प्रवास के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने रविवार को सर्वाधिक प्रसार संख्या वाली सचित्र प्रेरक बाल मासिक “देवपुत्र” के संघ परिचय अंक का अवलोकन कर प्रसन्नता व्यक्त की। संघ शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विशेषांक का प्रकाशन किया गया है। यह अंक सरस्वती बाल […]

संजय उवाच राजनीतिक परिवर्तन के नाते भारतीय भाषाओं को मिल रहा सम्मान स्थाई नहीं हैं, क्योंकि उपनिवेशवाद की गहरी छाया से हमारे समाज को मुक्त करने में अभी हम सफल नहीं हो सके हैं। भारतीय भाषाओं को सम्मान दिलाने के लिए शासकीय प्रयासों के बाहर भी हमें देखना चाहिए कि […]

संविधान दिवस- 26 नवम्बर ●●●● भारत के संविधान ने जीवन यापन के अधिकारों साथ-साथ हमें नागरिक कर्त्तव्य भी समझाएं है। आओ! संविधान दिवस मनाएँ, अधिकारों के साथ-साथ कर्त्तव्य भी दोहराएँ। मातृभाषाडॉटकॉम के माध्यम से हज़ारों लोगों तक आज इस संकल्प को दोहराया जा रहा हैं। आप भी अपने मौलिक कर्त्तव्य […]

नईदिल्ली। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत को मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। खास बात यह रही कि उन्होंने शपथ हिंदी में ली। शपथ लेने के तुरंत बाद, उन्होंने अपने पूर्ववर्ती सीजेआई न्यायमूर्ति बी.आर. गवई […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।