क़िताबें

व्यक्तित्व

मन के आनंद की अवस्था ही परमानंद- श्री सत्तन इंदौर। ‘अक्षरों की साधना ही निर्वाण का कारण है और मन की संतुष्टि देती है, उसी मन के आनंद की अवस्था ही परमानंद है। साहित्य यही परमानंद का कारण है। इसीलिए परमानंद दास का साहित्य कालजयी हो गया।’ यह बात श्री […]

सनावद। नगर की अंग्रेज़ी सिखाने वाली कोचिंग संस्था ब्रिटिश इंस्टिट्यूट ऑफ़ लैंग्वेज क्लास में मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा संचालित हस्ताक्षर बदलो अभियान संचालित किया गया। स्थानीय संयोजक कवि पारस बिरला ने केंद्र जाकर छात्र-छात्राओं को हिन्दी का महत्त्व बताया और उन्हें हिन्दी में हस्ताक्षर करने का संकल्प दिलाया। अतिथि स्वागत […]

चतुर्भुजदास माधुर्यभाव के कवि रहे इन्दौर। श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति में मंगलवार को आयोजित कालजयी साहित्यकार स्मरण शृंखला में अष्टछाप के कवि चतुर्भुजदास का स्मरण किया गया। कार्यक्रम में कवि परिचय साहित्य मंत्री डॉ. पद्मा सिंह ने दिया। उन्होंने बताया कि कुम्भनदास के पुत्र और सखा भाव से कृष्ण […]

कातोरा। ग्राम के श्री नारायण विद्या मंदिर में मंगलवार को ‘मैं हिन्दी योद्धा’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि निमाड़ी कवि एवं मातृभाषा उन्नयन संस्थान के प्रतिनिधि पारस बिरला उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती पूजन के साथ की गई, तत्पश्चात अतिथि का स्वागत श्री खांडेकर द्वारा किया […]

बामझर। निमाड़ क्षेत्र के सुप्रसिद्ध ओशन इंटरनेशनल स्कूल में मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा रविवार को छात्र-छात्राओं को हस्ताक्षर बदलने के लिए प्रेरित कर हिन्दी में हस्ताक्षर बदलवाए। गुरुकुल पद्धति से संचालित विद्यालय में कवि पारस बिरला ने छात्र-छात्राओं को हिन्दी अपनाने के लिए प्रेरित किया और लगभग 60 से अधिक […]

तेज़ाबों से लड़ती बेटी, सड़कों पर दम तोड़ रही है इंदौर। श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति द्वारा प्रति शुक्रवार आयोजित होने वाला ‘सृजन विविधा’ सम्पन्न हुआ। काव्य पाठ सत्र में जितेंद्र मानव ने ‘परहित का मार्ग’, आशा वडनेरे ने कविता ‘पिता’, राम आसरे पांडेय ने ‘जंगल शांति पुरस्कार’, राधिका इंगले […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।