क़िताबें

व्यक्तित्व

जब कभी जाता हूँ श्मसान, दिखते हैं दिन में कुछ अपने। कुछ बहुत ख़ास से लोग, कुछ प्यारे नाते-रिश्तेदार, कुछ मेरे पुराने दोस्त-यार, पर नज़र आता नहीं वर्तमान। चिता से उठती हुई लौ-लपटें, चिता में डलता हुआ घी-कपूर, और चंदन की लकड़ी के टुकड़े, सब बताते हैं अनेकता में एकता। […]

हिन्दी की गरिमा का समेकित स्वर मातृभाषा उन्नयन संस्थान भारत सदा से ही आस्था और क्रांति प्रधान राष्ट्र रहा है। सैंकड़ो क्रान्तियों का जनक और परिचालक हमारा देश वर्तमान दौर में भी क्रांतिधर्मा है। क्रांति का सार्वभौमिक नियम है कि जनभावनाओं को साथ में लेकर जनता के हित में अपना […]

इन्दौर। सुप्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ एवं चाचा नेहरू अनुसंधान केंद्र, इन्दौर के पूर्व निदेशक रहे डॉ. विजय सिंह का 84 वर्ष की आयु में आकस्मिक निधन सोमवार शाम निजी अस्पताल में हो गया। आप सुप्रसिद्ध साहित्यकार, तुलनात्मक भाषा अध्ययन शाल, देअविवि की पूर्व प्राचार्य व श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति […]

ये न पूनम का चाँद है, न ईद का चाँद है। हाँ, ये मेरे सुहाग चौथ का चाँद है। इन हाथों की हरी मेहंदी सूख कर , मेरे चौथ के चाँद-सी सुर्ख़ लाल हो जाएगी, मेरी माँग भी सुर्ख़ सिंदूर से भरी जाएगी। हाथों में भी लाल चूड़ियाँ संगीत-सी खनकेगी, […]

दक्षिण कोरिया की लेखिका हान कांग को वर्ष 2024 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है। यह सम्मान उनके काव्यात्मक गद्य के लिए दिया गया है। उनकी किताबों में ‘द वेजिटेरियन’, ‘द व्हाइट बुक’, ‘ह्यूमन एक्ट्स’ और ‘ग्रीक लेसन्स’ शामिल हैं। नोबेल समिति ने बृहस्पतिवार को […]

◆ अनिल त्रिवेदी, इन्दौर मनुष्य को जन्म के साथ ही मनुष्य शरीर को आकार मिलता है।पर मनुष्य का आकार ,आचार, विचार और स्वभाव अपने आप में मनुष्यता का पर्याय नहीं बन जाते। मनुष्य और पशु या अन्य जीव जन्तुओं में यही मूलभूत अंतर है, अन्य सभी जीव जन्तु जन्माना जिस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।