जी हाँ मित्रों! नेतृत्व करना एक ख़ास कला है ,जो सामान्य व्यक्तित्व के अन्दर नहीं होती। श्रेष्ठतम लीडर वही बन पाता है ,जो लोगों के दिलों पर राज करता है  और जिसकी personality को हर कोई स्वीकारता है। ऐसे व्यक्ति के साथ काम करने वाले लोग अपना सब कुछ उस पर […]

वास्तु शास्त्र और फेंगशुई को लोग एक समान समझने की गलती कर रहे हैं। जिसके कारण लोग वास्तु शास्त्र की अपेक्षा फेंगशुई में बताई गई वस्तुओं का अधिक उपयोग करने लगे हैं। बाजारों में दुकाने फेंगशुई की सामान से भरी पड़ी है।और लोग बिना समझे उसका अत्यधिक उपयोग करते जा […]

चाय एक सर्व मान्य और सरल पदार्थ हे, रोजाना सुबह मे एक कप चाय और साथ में ब्रेक फास्ट भी होता है, कही लोगो को चाय इतना पसंद हे कि दिन में दश दश कप चाय पी जानेका साहस करते हैं, लोग कहते हैं कि चाय व्‍यसन की व्याख्या मे […]

१. हरड़े  भरड़े  आँवले, लो तीनो  सम  तोल। कूट पीस कर छानिए,त्रिफला है अनमोल।। २. पाँच भाँति के नमक से,करो चूर्ण तैयार। दस्तावर  है  औषधि, कहते  पंचसकार।। ३. ताजे माखन में सखी, केसर  लेओ घोल। मुख व होठों पर लगा,रंग गुलाब अमोल।। ४. सूखी  मेंथी  लीजिए, खाएँ मन  अनुसार। किसी […]

     पृथ्वी की प्राचीनतम् महिमा के साथ रहने वाले भारतवर्ष की जाति-जनजाति के वैशिष्ट्य, विभाग और संख्या को लेकर महान पण्डितों के बीच में मतभेद परिलक्षित होता है। संस्कृत साहित्य में निषाद, शवर, पुलिन्द, भिल्ल और कोल्ल इत्यादी नाम से अष्ट्रिक गोष्ठीय जनजाति के उल्लेख हैंं । आर्य लोगों […]

वैश्वीकरण के इस दौर में सांस्कृतिक अन्तःक्रिया और समंजन की प्रकिया में एक त्वरा परिलक्षित हो रही है। संस्कृति के महत्तम-अवयव के रूप में साहित्य भी इससे असंपृक्त नहीं है। इस संदर्भ में दृष्टव्य है कि भारतीय-भाषाओँ में जहाँ पहले सिर्फ अंग्रेजी-काव्य का व्यापक प्रभाव था, वहीं आज जापानी-काव्य-विधाओं ने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।