मुझे मुझसे मिलने दो, खुद से उलझकर फ़िर सुलझने दो, कोई रोक नहीं पाएगा जब भरुंगी लंबी उड़ान, खुद का सहारा बनकर नए पंख लगने दो, ये जो काले बादल घुमड़-घुमड़ करके आ गए, इनके पीछे छुपा आसमानी एक जहां, मुझे बुलाता है नूतन तुम हो यहीं हो, यहीं-कहीं,चारों ओर […]

जन्म तो दिया तुझे पर बड़ा करूँ कैसे, डर लगता है जालिमों से मैं तुझे समझाऊँ कैसे।  है पग-पग आडम्बर  खड़ा है मानव दैत्य बनकर,  तू ठोकर न खा ले कहीं  ये डर तुझे बताऊँ कैसे। भविष्य तो मैं बना दूंगी तुझे मंजिल तक पंहुचा दूँगी, पर ब्याह के बाद […]

आज फिर बहते अश्कों को, चुपके से दामन थमा गया। तड़पती रुह को नरम हाथों, से थपकी दे सुला गया॥ ख्वाब को ख्वाब दिखा फिर, रात की चाँदनी से सजा गया। थकी पलकों पर लबों की, छुअन दे हौले से झपका गया॥ मन की गली में धीरे-धीरे, गीत सजा गया। […]

कौन तड़प रहा है,इस समर भारत देश में, क्या किया तुमने त्रिकुणी टोपी सफेद वेश मेंl  भाषण में तुम जोश लिए,भाषण राग सुनाते हो, सुखी वादे कर हड्डियों को भी तुम सोख जाते हो। सकल देश का क्या तुमने हाल कभी भी देखा है, भाषण में तो तुमने नवनिर्मित विधान […]

 फिल्मी `दंगल` के कोलाहल से काफी पहले बचपन में सचमुच के अनेक दंगल देखे। क्या दिलचस्प नजारा होता था। नागपंचमी या जन्माष्टमी जैसे त्योहारों पर मैदान में गाजे-बाजे के बीच झुंड में पहलवान घूम-घूमकर अपना जोड़ खोजते थे। किसी ने चुनौती दी तो हाथ मिलाकर हंसते-हंसते चुनौती स्वीकार किया। फिर […]

प्रकाश पर्व का अभिनन्दन, सबका ज्योतिर्मय हो अंतर्मन। हम सब मिलकर दीप जलाएं, इस धरा से अंधेरा दूर भगाएं। शुद्ध करें निज मन मन्दिर को, छोड़ें व्याप्त क्रोध-अनल को त्यागें मन से लालच-विष को। विश्वात्म बनें! आत्म मिटाकर, परमात्म बनें! `मैं` को त्यागकर। ज्योति पर्व की इस बेला में, मन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।