करें रोशन दीपों से मन को हमारे। हर ले माँ लक्ष्मी दरिद्र दुख हमारेll चहुँ और फैले ज्ञान का आलोक प्यारे। रहे सब जन गण मन सुख से हमारेll नज़र में हम रहते हैं जिसके सहारे। वही मालिक जो टालता दुख हमारेll धर्म के रास्ते अनेक बताए […]
तम की व्यथा मिटाने को बस एक दीया ही काफी है, रोशन अन्तर्मन करने को बस एक दीया ही काफी है। अँधियारे लाख मिले पथ में,न सरोकार मुझको उनसे, जग की आँखों का तारा,भटके राही का मात्र सहारा मैं… जग को विश्वास दिलाने को बस एक दीया ही काफी है।। […]
मिट्टी का दीपक, मिलकर सजाएं। सभी मिल करके, हम दीपक जलाएं। खुशियों का दिन है, खुशियाँ मनाएं। दिवाली आई है, दिवाली मनाओ। खुुशियों से मिट्टी, के दीपक जलाओ। दीपक जलाकर, दिवाली मनाओ। घर के हर कोने में, दीपक जलाते छत और मुंडेर पर, दीपक हैं रखते। तुलसाने के चारों, तरफ […]
हर घर जब आलोकित होगा, गाँव-गाँव जब विकसित होगा तब दीवाली आएगी। हर बच्चा जब शिक्षित होगा, हर किसान मन प्रमुदित होगा तब दीवाली आएगी। हर आंगन जब खीर पकेगी, भ्रष्टाचार की लूट रुकेगी तब दीवाली आएगी। खुश होकर तिरंगा लहराएगा, आतंकवाद से मुक्त फहराएगा तब दीवाली आएगी। निश्चिंत हो […]
बुझने को थी मगर शमा,हंसकर जला गया कोई, हमपे तीर-ए-नज़र नया,हंसकर चला गया कोई। अंधेरों में डूबा हुआ,वीरान-सा था दिल मेरा, दिल मे चिंगारी नई,हंसकर लगा गया कोई। उसके लबों को छूने की,हसरत-सी दिल में थी मगर, ये प्यास मेरे लबों की थी,हंसकर बुझा गया कोई। किसी को देख लें […]
बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ क्या हिंदी की उन्नति के लिए वास्तव में कुछ योगदान कर रही हैं? माफ़ कीजिएगा,सच यही है कि कंपनियाँ केवल और केवल अपनी मार्केटिंग और बाजार के हिसाब से स्ट्रेटेजी बनाती हैंl यदि उनमें फायदा दिखता है और मिलता है,तभी वे कोई काम करती हैं, अन्यथा नहीं,कतई नहीं। […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।