वर्ष 2025 के हिन्दी गौरव अलंकरण के लिए नीरजा माधव व शिव कुमार विवेक चयनित

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23 फ़रवरी को इन्दौर में आयोजित समारोह में होंगे अलंकृत

इंदौर । हिन्दी भाषा के विस्तार और प्रसार के लिए मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा वर्ष 2025 का हिन्दी गौरव अलंकरण सुप्रसिद्ध साहित्यकार नीरजा माधव (सारनाथ) और वरिष्ठ पत्रकार शिव कुमार विवेक (भोपाल) को प्रदान किया जाएगा। यह समारोह 23 फ़रवरी को इंदौर में आयोजित होगा एवं इसमें विभूतियों को अलंकृत किया जाएगा।

संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘अलंकरण का यह छठवाँ वर्ष है। संस्थान द्वारा प्रतिवर्ष दो हिन्दी साधकों को ‘हिन्दी गौरव अलंकरण’ से विभूषित किया जाता है। चयन समिति द्वारा चयनित वर्ष 2025 के लिए डॉ. नीरजा माधव व शिवकुमार विवेक के हिन्दी के प्रति समग्र अवदान को रेखांकित करते हुए हिन्दी गौरव अलंकरण प्रदान किया जाएगा।’
सुप्रसिद्ध साहित्यकार, अनेक विधाओं में सिद्धहस्त लेखन करने वाली डॉ. नीरजा माधव प्रमुख रूप से अपने अनछुए राष्ट्रीय, अन्तरराष्ट्रीय मुद्दों पर कथा-लेखन के लिए पूरे देश एवं विदेश में चर्चित हैं। आप देश की सबसे पहली लेखिका हैं जिन्होंने तिब्बती शरणार्थियों, उनकी अहिंसक मुक्ति साधना तथा भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर कई किताबें लिखी हैं।
डॉ. नीरजा माधव ने 13 उपन्यास, 12 कहानी संग्रह, 6 कविता संग्रह एवं 15 अन्य विधाओं में कुल 46 किताबों का लेखन किया है।

ख़्यात पत्रकार व मीडिया शिक्षक शिव कुमार विवेक जी वर्तमान में मीडिया शिक्षक व दैनिक अख़बार के सलाहकार सम्पादक हैं। आप 38 वर्षों से हिन्दी पत्रकारिता कर रहे हैं।

संस्थान द्वारा वर्ष 2020 में पद्मश्री अभय छजलानी एवं वरिष्ठ कवि राजकुमार कुम्भज को, वर्ष 2021 में वरिष्ठ साहित्यकार कैलाश चंद्र पंत व साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे को, वर्ष 2022 में कहानीकार डॉ. कृष्णा अग्निहोत्री व वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण कुमार अष्ठाना को एवं वर्ष 2023 में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. भगवती लाल राजपुरोहित व सुप्रसिद्ध मीडिया शिक्षक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी को अलंकृत किया जा चुका है।

अलंकृत होने वाली विभूतियों को मातृभाषा उन्नयन संस्थान की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. नीना जोशी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन, राष्ट्रीय सचिव गणतंत्र ओजस्वी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नितेश गुप्ता, भावना शर्मा, सपन जैन काकड़ीवाला, प्रेम मंगल आदि ने शुभकामनाएँ दीं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।