विश्व हिन्दी दिवस पर आयोजित काव्य उत्सव सम्पन्न

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इन्दौर। विश्व हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य पर मातृभाषा उन्नयन संस्थान व के. के. महाविद्यालय द्वारा आयोजित काव्य उत्सव सम्पन्न हुआ।
शारदे वंदना से आरम्भ हुआ हुए काव्य उत्सव में राऊ से शिवम सिंह ने ‘जीवन भर मृत्यु से मृत्यु पर जीवन से भय का जो साया हैं ज्ञान ही मिटाएगा’ कविता पढ़ी। इनके बाद निमाड़ के लोकप्रिय गीतकार बड़ूद से आएँ पारस बिरला ने पढ़ा कि ‘प्यास दिल की बुझाने का काम करती थी, उसकी आंखे मयखाना का काम करती थी। हम दोनों के बीच थी उसकी एक सहेली,जो खतों को पहुंचाने का काम करती थी। ऐसे प्रेम के मुक्तकों और गीतों से युवाओं के बीच समा बांधा।
इंदौर की कवयित्री कीर्ति मेहता ने ‘सुनो घन आज उतरो चाँद के संग आसमाँ से तुम, छवि इक टक निहारूँ ज्यों पिया के साथ आये तुम। पढूँगी प्रेम की पाती प्रणय पिय पे लुटाऊँगी, मेरे आँचल की छाया को पिया के सिर उढ़ाओ तुम’ का पाठ किया।

इनके बाद इंदौर की कवयित्री रिया ने ‘सुंदरता, शृंगार सती का, कुमकुम बिंदी है कविता। मोहक हर इक बोली में पर,देह से हिंदी है कविता’ एवं काव्य उत्सव का संचालन भी किया।

अंत में आशीष पँवार ने ‘मन के मोती तुम्हारे बिखर जाएंगे, तुम संभालो दामन संवर जाएंगे। तुम हो देवी हमारे उपन्यास की, तुम जो रुठी तो किरदार मर जाएंगे’ पढ़ी।

आयोजन में महाविद्यालय के चेयरमेन डॉ. विनोद कुमार पाण्डेय, निदेशक नरेंद्र सिंह कुशवाह, मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’, प्राचार्य डॉ. पवन तिवारी एवं विभागाध्यक्ष डॉ. सुमित त्रिवेदी आदि मौजूद रहे।
संस्थान द्वारा सभी प्रतिभागियों के सम्मान किया गया व उपहार दिए गए। कार्यक्रम में सैकड़ों विद्यार्थी मौजूद रहे।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।