मुल्क के पहरुओं को जागना जरूरी है, बढ़ रही तबाही को रोकना जरूरी है। योजना चली,लेकिन हर जगह नहीं पहुंची, फाइलें उठाकर ये खोजना जरूरी है। आने वाली पीढ़ी में अपना मुंह दिखाने को, एक वृक्ष उल्फत का रोपना जरूरी है। क्रांति आ नहीं सकती व्यक्तिगत लड़ाई से, इस कदम […]

यूं बिगड़ी है दुनिया की चाल देखिए। क्यों इंसा यहाँ है बेहाल देखिए॥ इनके पापा बेचारे हैं जेल में पड़े। और बेटी है घूमे नेपाल देखिए॥ ये भगवा पहन के हैं करते कुकर्म। सारी काली है इनकी ये दाल देखिए॥ सफ़ेदी है बेटों के बालों चढ़ी। पिताजी कर काले हैं […]

मेरी आँखों में बसे हो, क्या कोई स्वप्न हो? कौन हो तुम ? मेरी श्वांसों में बसे हो, क्या कोई तपन हो ? कौन हो तुम ? मुझमें समाए हो, क्या कोई अगन हो ? कौन हो तुम ? मेरी ही छवि में छाए हो, क्या कोई गगन हो ? […]

समय की रेत पर चलकर, हमें यह भी दिखाना है  फ़र्ज़ दोस्ती का अभी, हमें तो पूरा निभाना हैl     न सोच कि,टाँग फँसाकर, गिराता यह जहां हमको  कहीं पर साथ देता, कहीं मुंह फेरे ज़माना हैll                           […]

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`जसोदा`…..अम्माँ जी की काम वाली बाई,प्रश्नवाचक आश्चर्य से देखती हुई कुछ पूछे,उसके पहले ही अम्माँ जी ने स्पष्टीकरण कर दिया…l `सुन …! सामने वाली सुनीता ने दीए तो ले लिए पचास, पर रुई बाती बनाने का टाइम बिलकुल न है उसके पास। और दीवाली के दिनों में बाती बनाकर रखना […]

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दीवाली खुशियों का त्योहार है, चलो सब मिल दीप जलाओl गरीब कुम्हार के घर में भी, थोड़ी-सी खुशियां दे आओll दिल से सारे बैर भुलाओ, दुश्मन को भी हँस के गले लगाओ। कोशिश करो कि अंधियारा दूर हो द्वेष और ईर्ष्या दिल से मिटाओll सारे कष्ट दूर हो जीवन से, न हो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।