आज कु. मनीषा सिंह को देखने (शादी के पूर्व) के लिए दुर्गा मन्दिर पर वर पक्ष के सभी लोग समय से पंहुच चुके थेl मनीषा की मां मान्ती सिंह भी ब्यूटी पार्लर से अपनी बेटी को खूब सजा-धजाकर उक्त स्थान पर समय से पहुंच चुकी थीl वधू पक्ष के लोग […]
हौंसले बुलंद रखो,गर दरिया की चाह हो, कांटे हट जाएंगे,गर कलियों की चाह हो। रोक सकता है कारवां,तो रोककर देखे, खुद ही झुक जाएगा,गर झुकाने की चाह हो। सफर में राहें भले कितनी भी कठिन हों, खुद ही कदम चूमेगी,गर मंजिल की चाह हो। ख्वाहिश पूरी न होती,गर जीवन की […]
हे पावन से दीप, धरा का तम हर दो। जग के कण-कण में, सुंदर आभा भर दो॥ राग-द्वेष का नाम, मिटे मानव मन से। निर्मल बुद्धि का जन, जन को वर दो॥ ज्ञान की सरिता, बहे फिर विश्व में। मरूभूमि के आंगन में, सागर कर दो॥ गीत गूँजे सदा, हर्ष […]
भाग्य और पुरुषार्थ का मिल जाए हमें संग, हम बढ़ते ही जाएँगे लेकर मन में नई उमंग। ऊर्जावान तरंगों की गति ले कदम बढ़ाएँगे, राह के काँटों को हम कुचलते ही जाएँगे। राह के पत्थर कब तक हमको गिराएँगे, हम गिरकर उठेंगे,उठकर बढ़ते ही जाएँगे। मंजिल तक पहुँचना ही जो […]
अट्ठावन में आते-आते लगने लगा है, समा गए हैं मुझमें बाबूजी मेरे। हो गई है वही चाल-ढाल झुक गए हैं कंधे, और, स्वभाव में आने लगी है नरमी हाँ,संतोष और असंतोष के बीच बना रहता है द्वंद जरूर, उपजा है जो मानसिक थकान और बेवजह की निराशा से। करता हूँ […]
पिलाकर दूध झट शिशु को,फटाफट हो गई रेडी, उठाया पर्स,मोबाइल,घड़ी,चाभी,चतुर लेडी। इधर ताके-उधर ताके,नहीं जब ध्यान कुछ आया, लगा आवाज आया को,वही फिर प्रश्न दुहराया। कहीं कुछ रह तो नहीं गया… प्रश्न में कुछ भी कहाँ नयाll बिदा बिटिया हुई जैसे,हुई बारात ज्यों ओझल, अटैची-बैग लेकर के हुए तैयार सब […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।