परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ भारत के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में चिह्नित इन्दौर का सांस्कृतिक और साहित्यिक सौष्ठव भी अभूतपूर्व है। इस शहर ने हिन्दी कहानी में डॉ. शरद पगारे, डॉ. कृष्णा अग्निहोत्री, कविता में राजकुमार कुम्भज, चंद्रसेन विराट, सत्यनारायण सत्तन सहित अन्य विधाओं में भी देश […]

प्रेस क्लब में आयोजित चाय पर चर्चा में डॉ. संजय द्विवेदी शामिल इन्दौर । ‘युवाओं का धर्म और समाज से जुड़ाव बढ़ रहा है, हम लिखते हैं पर दूसरे का लिखा पढ़ते नहीं हैं, इस आदत में बदलाव लाना ज़रूरी है। साहित्य और पत्रकारिता की राजधानी के रूप में शहर […]

कोरोन ने वैश्विक रूप से आघात पहुंचाने का काम किया है, कही लाशों के ढेर तो कही अपनों के बिछड़ने का क्रम अनवरत जारी रखा, दम तोड़ती व्यवस्थाएँ और शासकीय तंत्र की बदहाली को भी हमने अपनी आँखों से देखा और महसूस किया। ऐसे हालातों के बीच अभिभावकों ने तो […]

आरक्षण के मुद्दे पर चुनावी राजनीति से प्रेरित मोदी सरकार ने दो सोचे समझे कुटिल कदम उठाये हैं| एक, जाति-आधारित जनगणना न कर, घोर जातिवादी सवर्ण मानसिकता को भुनाने के लिए| और दूसरा, 127वें संविधान संशोधन के माध्यम से, लुप्त होती सरकारी नौकरियों के परिप्रेक्ष्य में ओबीसी बन्दरबाँट पर अनुकूल […]

कर्तव्य धर्मों में तीन प्रमुख माने गए हैं – वैयक्तिक धर्म, समाज धर्म और राष्ट्र धर्म । ‘वैयक्तिक धर्म’ व्यक्ति की सुख – सुविधा और विकास हेतु होता है । ‘समाज धर्म’ में व्यक्ति और समाज की प्रगति की बात सोची जाती है, जबकि ‘राष्ट्र धर्म’ में व्यक्ति, समाज और […]

शिक्षा में मातृभाषा अपनाई जाएगी, तब ही राष्ट्र की युवा पीढ़ी स्वाभाविक रूप से अपने जीवन के हर क्षेत्र में देश की सभी भाषाओं को बिना आग्रह के अपना लेगी। नयी शिक्षा नीति में देश की सभी भाषाओं को शिक्षा का माध्यम बनाने की ओर बिना विलंब ध्यान दिया जाना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।