सुन लो मातु पुकार,दया बरसाने वाली। कभी शारदे मातु,कभी हो दुर्गा-काली॥ खड्ग गदा कर चक्र,सुशोभित वीणा-पुस्तक। मानवता रक्षार्थ,काट लेती अरि मस्तक॥ सकल गुणों की खान,सृष्टि की रचनाकारा। उद्भव अरु संहार,चराचर त्रिभुवन सारा॥ दुष्टों का कर नाश,धर्म अपनाना होगा। अवध न जाए हार,अवधपति ! आना होगा॥           […]

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रोज देखा करता था उसे आते-जाते चार चक्कों की गुड़गुड़ी पर बैठा गंदा-सा मैला-कुचैला रेल्वे की प्लेटफॉर्म पर, आते-जाते राहगीरों को घूरता रहता था…। कभी-कभी अजीब हरकतें करता, राहगीरों का ध्यान पाने के लिए मांगता था वो कभी-कभी कुछ, पेट की आग बुझाने के लिए। प्लेटफॉर्म पर खड़ी रेलगाड़ी, के […]

आज इंटरनेट यानि अंतरजाल के माध्यम से कहानियां, कविता,उपन्यास, संवाद,ग्रंथ, समाचार पत्रिका,ई-बुक्स एवं ई-पत्रिका ने अपनी जड़ें मजबूत करने के साथ-साथ हिंदी का प्रचार-प्रसार भी बढ़ाया है। आप कविता या कहानी लिखते हों,तो आज के कवि या लेखक को अंतरजाल चलाना पहले ही चलाना सीखना होगा,क्योंकि अपनी रचनाएं लाखों लोगों […]

धरा-गगन के बीच पसरता… जो अनंत आकाश, सत्य-संध शायक बेधता है … उसको बन पुंज प्रकाश। पुण्य धरित्री-धरा-धर्म हित, जो प्राणार्पण करते हैं; सकल छद्म,षडयंत्र समर कर, महाप्रलय सम भिड़ते हैं। शूर नहीं,भिक्षुक होते हैं… कभी विजय-जीवन के। वरते स्वयं स्वयं-जय को… निज भुज-बल से वीरों के। सकल मनुजता की […]

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काश कोई मुझको अपना तो कहता, आँख का पानी फिर यूँ नहीं बहता। साथ चलने को उम्रभर किसने कहा, कुछ कदम गर साथ कोई चल देता। आँख का…॥ फूल मुबारक पास जिनके वो रखें, काँटों का भी हक़ ज़रा कोई देता। आँख का…॥ हस रहा हूं यूं तो हंसने के […]

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अन्तर्जातीय विवाहों को समय पर रोक दिया होता, संस्कारों का हनन हमने यूं मूक सहा नहीं होता। तो स्वतंत्रता के नाम पर उच्छश्रंखलता नहीं बढ़ी होती, भव्यता के प्रदर्शन में अश्लीलता नहीं पनपी होती। वक्त रहते सम्भलना हमको यदि आ जाता, ‘लव जिहाद’ का दंश भारत में नहीं पनप पाता। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।