सुन लो मातु पुकार,दया बरसाने वाली। कभी शारदे मातु,कभी हो दुर्गा-काली॥ खड्ग गदा कर चक्र,सुशोभित वीणा-पुस्तक। मानवता रक्षार्थ,काट लेती अरि मस्तक॥ सकल गुणों की खान,सृष्टि की रचनाकारा। उद्भव अरु संहार,चराचर त्रिभुवन सारा॥ दुष्टों का कर नाश,धर्म अपनाना होगा। अवध न जाए हार,अवधपति ! आना होगा॥ […]
आज इंटरनेट यानि अंतरजाल के माध्यम से कहानियां, कविता,उपन्यास, संवाद,ग्रंथ, समाचार पत्रिका,ई-बुक्स एवं ई-पत्रिका ने अपनी जड़ें मजबूत करने के साथ-साथ हिंदी का प्रचार-प्रसार भी बढ़ाया है। आप कविता या कहानी लिखते हों,तो आज के कवि या लेखक को अंतरजाल चलाना पहले ही चलाना सीखना होगा,क्योंकि अपनी रचनाएं लाखों लोगों […]