जयपुर। १८ दिसंबर  को हरीवन गार्डन, मानसरोवर में बेटी फाउंडेशन के तत्वावधान में कल्चरल नेशनल अवार्ड शो का आयोजित किया गया। इसमें फिल्म जगत के कई अभिनेता-अभिनेत्रियों सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजस्थानी फिल्म उध्योग के कई कलाकारों ने भाग लिया।इसी समारोह में कवि कृष्ण कुमार सैनी को भी इस अवार्ड […]

दुनिया के खिलौने बच्चों हित,बच्चे हम सबके खिलौने हैं, उम्मीद उड़ानें अम्बर तक,दिखने में कितने बौने हैं। जिनकी किलकारी सुनने को,हम कान उटेरे रहते हैं, ईश्वर का अंश झलकता है,यह नीरज नयना कहते हैं। सागर-सा प्यार उमड़ता है,बेऔलादों के भी उर में, सब सुख-सुविधा झूठी लगती हैं,बिन औलादों के घर […]

जीवन के तप्त मरू में, प्रेम सुधा बरसाना। प्रीतम जब भी हो, तुम लौट के आना॥ न जीने की है आस, हरदम रहूँ उदास। ख्वाबों में तुम ही खास, तुम लौट के आना॥ करती प्रिये प्रेम निवेदन, सुन करो सँवेदन। मन का होता भेदन, तुम लौट के आना॥ दर्पण तुझे […]

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सात फेरे सात वचन, शुरू हुआ विवाह बंधन, रस्मो-रिवाज का ये संगम। खत्म हुई आजादी मिट गया स्वतन्त्र अधिकार, जाने कैसे ,किन बेड़ी में बंध गया घर परिवार। विवाह है बंधन प्रीत का, न कि कैद का। सोचो,समझो रीत को, दो जीने की आजादी अपने मीत को। बंधे हो प्रीत […]

मैं तेरा जीवन बन जाऊं तू मेरा जीवन बन जा, मैं तेरा साधक बन जाऊं तू मेरा साधन बन जा। साँझ-सबेरे हर महफ़िल में,करता रहूँ तेरे चर्चे, मैं तेरा वाचक बन जाऊं तू मेरा वाचन बन जा। तुझसे ही मेरी कविता है,तुझसे ही मेरे नगमे, मैं तेरा गायक बन जाऊं,तू […]

फूल खुशबू चमक तितलियां आ गईं, माँ के घर जब सभी बेटियाँ    आ गईं। जा के अंदाज़ ताकत का फिर लग गया, जब बगावत में सब लड़कियां आ गईं। मुझको उस पार जाना कठिन जब लगा, फिर दुआ माँ ने की कश्तियाँ आ गईं। ज़िंदगी का मज़ा फिर तो जाने  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।