मुमकिन है मैं न आ पाऊं, पहनी है जो वर्दी खाकी। उदास न होना मेरी बहना, भिजवा देना डाक से राखी॥ तेरा गुस्सा जायज है पर, मैं भी तो मजबूर हूँ बहना। […]
राधा रद्दी बीनती,सोच भाग्य लड़ जाय। कहीं हाथ में बीनते,कंचन न पड़ जाय॥ पढ़कर करना क्या हमें,सोच रहा मजदूर। सरस्वती नहीं भाग्य में,लक्ष्मी हैं मजबूर॥ सरस्वती माँ सोचकर,पीट रही हैं माथ। क्या होगा अधिकार दें ? बुद्धि नहीं गर साथ॥ शिक्षा,पुस्तक,तुष्टि हित,भोजन भी भरपूर। अभिभावक धन लोभ में,बना रहे मजदूर॥ […]