इन्दौर।मुम्बई पहुँचते ही खास दोस्तों का जमावड़ा हुआ और लघु फ़िल्म ‘बुलबुल’ देखने के लिए संजय शेष ने कहा। फ़िल्म देखी तो उसके बारे में लिखे बिना नहीं रहा गया। यह फिल्म महज २५ मिनट की है,लेकिन साजो-सामान और बजट किसी आम फ़िल्म से कम नहीं है। स्थलों से लेकर […]

यह जीवन पथ है प्रीत मित्र, चख ले इसका नवनीत मित्र। सम्बन्ध-सुरभि से सुरभित हो, महके तेरा हर गीत मित्र। चिंतन..स्वालंबन..संचित कर, युग के अंतस..को..जीत मित्र। भटके न कभी,अटके न कभी, मत कर्मभूमि से रीत मित्र। कुछ रच दे ऐसा कालजयी, सदियां पढ़ जाऐं बीत मित्र॥         […]

  जिसने साहस,धैर्य से,किया  लक्ष्य संधान। पथ प्रशस्त उसका हुआ,मिली उसे पहचान॥ कामयाब वह ही हुआ,जिसके दिल में चाह। मंजिल तक लेकर गई,कहो किसे कब राह॥ पथ का संबल प्रेम यदि,रहे पथिक के पास। मुश्किल झंझावात से,होता  नहीं उदास॥ मार्ग वही होता उचित,जो सिखलाए प्रीति। साथ अकिंचन के रहे,दूर करे […]

कभी खो न जाए तुम्हारा, मुझ पर है जो विश्वास। करती हूं कोशिश सदा,देश,काल, परिस्थितियाँ  नहीं देती साथ॥ तुम्हारा विश्वास ही तो है, जो आज भी फ़िक्र करते हो मेरी। और मेरा,मेरा विश्वास भी तो देखो, किया न तुम पर अटूट॥ कुछ भी हुआ पर, उसे न टूटने दिया,हमने। सभी […]

संवैधानिक मर्यादाएं, तार-तार करते रहते है, शर्मसार जो मानवता को, बार-बार करते रहते हैं। जिनके मन में न्याय व्यवस्था का कोई सम्मान नहीं है, जिनका कोई धर्म नहीं है कोई भी ईमान नही है॥ मानव होकर भी जिनके मन मानवता का वास नहीं है, जिनको मानवता के दुख का दर्दों […]

जैसा कि,हम सभी जानते हैं हमारी भूमि (भारत देश)ऋषि मुनियों,ज्ञानियों,योगियों आदि की तपो भूमि रही है। कहा जाता है कि,`कण-कण में भगवान बसते हैं`,ये बात कितनी सही है,पता नहीं। वैसे अगर परमाणुवाद की दृष्टि के सिध्दान्त से देखा जाए तो यह बात सत्य है-कण-कण में भगवान है और ऐसे ही ज्ञान।ठीक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।