महाविद्यालय चाहे तो स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम भी शुरू कर सकता हैl राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ही अब चिकित्सा महाविद्यालय की मान्यता देगा,हर साल चिकित्सा महाविद्यालय को नवीनीकरण हेतु चिकित्सा परिषद् में चक्कर न लगाकर यह आयोग भी मामलों को देखेगाl हर वर्ष का निरीक्षण ख़त्म कर दिया गया है,अब हर दिन ऑनलाइन नजर होगीl ४७९ चिकित्सा महाविद्यालय में से ३५० ऑनलाइन जुड़ चुके हैंl अब राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग […]

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पता नहीं,तब अपोलो या `एम्स` जैसे अस्पताल थे या नहीं, लेकिन बचपन में अखबारों में किसी किसी चर्चित हस्ती-खासकर राजनेता के इलाज के लिए विदेश जाने की खबर पढ़कर मैं आश्चर्यचकित रह जाता था। अखबारों में अक्सर किसी-न-किसी बूढ़े व बीमार राजनेता की बीमारी की खबर होती थी। साथ में […]

संघर्ष सतत करते जाना, कभी न तुम थक जानाl जीवन के लक्ष्य पर तुम, निरन्तर आगे बढ़ते जानाl परमात्मा को साथी बना लो, पथ का उसे सारथी बना लोl राह आसान करते जाना, सफलताओं को पाते जानाl मंजिल बिल्कुल दूर नहीं है, कठिनाई जरा भी नहीं हैl विकारों को छोड़ते […]

चिड़िया रानी बड़ी सयानी, अपने मन की हो तुम रानी। छोटे-छोटे पैरों से तुम, फुदक-फुदक कर चलती हो। जाँच-परख कर अच्छे से, फिर चोंच से दाना चुगती हो। बड़ी गजब की फुर्तीली हो, चंचल कोमल शर्मीली हो। कभी घास पर-कभी डाल पर, चीं-चीं करती फिरती हो। खुले गगन में पंख […]

जीवन के इस हवन कुण्ड में, इच्छाओं की आहुतियाँ दे अहंकार अर्पण करके ही, राह मोक्ष की होती हासिल। पग पथरीले पथ से  घायल, या तूफानों के साए हो हिम्मत नहीं हारते जो जन, आखिर पाते हैं वो मंजिल॥ जीवन के अनवरत सफ़र में, निश्चित आएंगी बाधाएँ दिशाभ्रमित करके हमको […]

आशिके दिलफेंक जो बनते रहे, उनको भी वादा निभाना आ गया। हाथ जबसे थामा है जाना तेरा, अपने हाथों में खजाना आ गया। फुरक़ते-शब और तड़पाते हैं वो, नाज़ उनको भी दिखाना आ गया। क्यों हैं मैखाने में तेरे खामोशी, क्या तुझे हमको सताना आ गया। साया लहराया तेरी उम्मीद […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।