रब तो रहमत करता है सदा एक-सी सब पर, फिर क्यों अलग-सा ही वो सबसे पाते हैं। अरे जो पूछते हैं ऐसा,उन्हें बता दो बस इतना, अलग-सा पाने वाले माँ-बाप के चरणों में शीश झुकाते हैं। वो कुछ नहीं करते इसके अलावा अलग पूरी जिंदगी में, फिर भी उनके ये […]

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आओ जीवन सुलझाते हैं… जब स्वयं में विचलन हो, ठहराव की आस में उभरी तड़पन हो मन बेलगाम हो,बस भागता हो, एक डर अनजाना कम्पन हो जब खुद को अकेले पाते हैं। आओ जीवन सुलझाते हैं…॥ आँखों में… जब जीवन की धुंधली तस्वीर हो, धुंधला रास्ता,साफ़ दिल की पीर हो […]

सबसे पहले यह निर्धारित किया जाना चाहिए कि,हम स्वयं से क्या चाहते हैं ? यानी हम स्वयं अपने जीवन में क्या करना चाहते हैं,क्योंकि वास्तव में चाहे जितना भी हम अपने आसपास में देखें, सीखें या समझें,या कोई प्रेरणा दे तो भी, हम करते वो ही हैं जो हमारे अंतर्मन […]

चले हैं तेरे शहर से ज़ख्म ले के हरे, नहीं मिलेंगे दोस्त हमसे जुदा होने के बाद। हर पतझड़ के बाद बहारें आती ही हैं, नहीं आएगी रिफ़ाक़तें शब-सवेरे  के बाद। मैं खामोश हूं एक अरसे से इस कशमकश में, कि आँखों में उनकी भी इल्तजा झलके शिद्दत के बाद। […]

(संदर्भ-9 दिसम्बर जन्म दिवस) दूसरे सप्तक के कवियों में प्रमुख नाम रघुवीर सहाय का आता है। हिंदी के विलक्षण कवि,लेखक,पत्रकार, सम्पादक,अनुवाक,कथाकार,आलोचक रघुवीर सहाय का जन्म ९ दिसम्बर १९२९ को लखनऊ(उत्तर प्रदेश) में हुआ था। इन्होंने १९५१ में अंगेजी साहित्य में स्नातकोत्तर किया। १९६४ से साहित्य सृजन करना प्रारंभ किया। इनका विवाह […]

       डूबती हुई सूरज की किरणों के साथ विदा हुई एक और साल की वनवास यात्रा, विदा हुई तारीखों की नदियॉ और कैलेण्डर का आखिरी महीना, जो किसी पक्षी की तरह पंख फड़फड़ा रहा है। बीत गई लम्बी वनवास की यात्रा, प्रासंगिक प्रशनों को छोड़ गई एक और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।