मर्यादा की सीताओं का,करते रोज हरण। राम नाम का चोला धारे,घूम रहे रावण॥ उन्मादी वैचारिकता के,साथ खडे़ दिखते। नीति नियंता उन्मादों की,कथा स्वयं लिखते। भाईचारे की धरती पर,छेड़ रहे हैं रण…। राम नाम का चोला धारे, घूम रहे रावण…॥ धर्म नाम पर भाईचारे,के आँगन बाँटे। चंदन वन को आग लगाकर,बो […]

आज सखी ‘शिक्षक यात्रा’ पर हम पंख लगा लेते हैं, सब कुछ भूलकर आज नई उड़ान भरते हैं। भूल जाते हैं आज २०-४० उम्र का फासला, जी लेते हैं आज मिलकर जो पल हमें  मिला। वो सुबह उठकर घर की व्यस्तता, सात बजे स्कूल पहुंचना,यही होता था पता। स्कूल में […]

उनसे  दिल लगाना ता-उम्र की ……मुसीबत हो गई, आहें भरते रहने की अब तो हमें ……आदत हो गई। मूंदकर पलकें उन्हें हमने अपना….खुदा माना, सज़दे में उनके सिर झुका लिया… इबादत हो गई। शीशे-सा दिल अपना अब हम…. सम्भालें कैसे, जमीं पर जो पांव रखा उसने… नजाकत हो गई। बयां […]

( सशत्र सेना ध्वज दिवस पर विशेष) राष्ट्रीय ध्वज शौर्य शांति साहस, तीन रंगों में राष्ट्र प्रेम सन्देश सेना को नमन है। मैं गीत लिखूं पर कैसे लिखूंगा, मन के भाव कागज़ पर लहू के रंग में रँगे हैं। गौरी के गाल सियासत की चाल जैसे लगते, पायल लगे जैसे ज़ंजीर […]

उप शीर्षक-श्रेष्ठ साहित्य सृजन करने वालों का हुआ सम्मान   अकोलाl बाल साहित्य का सृजन समय की आवश्यकता और भावी पीढ़ी के भविष्य को संवारने वाला होना चाहिए। खास बात यह है कि जिनके लिए साहित्य लिखा जा रहा है,उन तक यह साहित्य पहुँचना बहुत जरुरी है। बाल साहित्य को […]

उससे मोहब्ब़त की चाहत में जब भी दिल लगाया, कविता को लिखा जब भी दिल टूटा कविता  को लिखा। कुछ पन्ने खो गए, कुछ पन्ने रद्दी की टोकरी में चले गए कुछ को मैंने जला दिया, कुछ खुद-ब-खुद गायब़ हो गए। बार-बार कलम पकड़ी, बार-बार कलम छोड़ी इसे पकड़ने और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।