गीत-सी बजती हो कानों में…। मीत-सी लगती हो दिल को, अप्सरा बन रहती हो अरमानों में।                     गीत-सी बजती…ll   कभी साहिर के गीतों-सी, कभी कश्मीरी प्रीतों-सी नदिया-सी मचलती हो, कभी खलिहानों में…।      गीत-सी बजती…ll    कामिनी बन प्रणय […]

न जाने कहाँ जाकर बैठ गया वह प्यारा-सा चांद का टुकड़ा, जिसे मैं दिन और रात अपनी पलकों से निहारता रहता था। जिसके बिना मुझे नहीं मिलता था, सुकून एक पल का। आज मुझे वह फीका-फीका सा लग रहा है चांद। और धीरे-धीरे घट रहा है, अमावस की तरह और […]

नव सृजन करने चली, प्रकृति की अनूठी सौगात उदर में रख नव मास तक सिंचित रक्त से सांसों को, उत्सुक नैना बेचैन धड़कन देखन स्व रचित रचना को मुख देखत पुलकित हर्षाई ममता उमड़ उमड़ कर आई नैनन नीर भरे दर्द सगले बिसराई माँ थी जिसने सुन किलकारी अबोध की […]

क्या रोक पाएगी, विपरीत प्रकृति भी उस जरूरतमंद को? जिसका हौंसला उसकी जरूरत और, लक्ष्य रोटी हो। कहाँ सो पाएगा, वो ठंड से बचने के लिए गर्म रजाई में जब आँगन में चूल्हा ठंडा हो ? कैसे लेगा वो बरसात का आनन्द, जब रात को टपकता है टूटा छप्पर ? […]

अब लबों पर इश्क के तराने नहीं आते। लाख खुदाई करो,मगर खजाने नहीं आते॥ घुटन रह-रहकर सारे किस्से बयां करती। अब नकली चेहरे हमें छुपाने नहीं आते॥ घर के बुजुर्गों को चैन से जी लेने दीजिए। अब शहरों में वो दिन बिताने नहीं आते॥ मतलबपरस्ती में लोग आग लगा रहे। […]

हिना ही तो हूँ मैं, हिना हाथों पे अपना रंग छोड़ती है, मैं लोगों के चेहरे पे मुस्कान। वो भी खुद सिलबट्टे पे घिस-घिसकर पिस जाती, और मैं भी तुम्हारे इंतजार में रोज-रोज मिटकर, प्यार तो हम दोनों ही करते बस फ़र्क इतना है, कोई घिसकर तो रोज जीकर मरता। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।