शहर तेरा है तुझे अच्छे से पता है, हालात कैसे तुझे अच्छे से पता है। एक मैं ही नहीं और भी गुनहगार है, नाम उसका भी तुझे अच्छे से पता है। कह ले जो कहना है तुझे मेरी पीठ पीछे, पर सच क्या है ये तुझे अच्छे से पता है। […]
शहर में जो हुआ कुछ भी नहीं है, हमें इसका पता कुछ भी नहीं हैl हमें कल गाँव को जाना पड़ेगा, वहाँ माँ की दवा कुछ भी नहीं हैl चलो छोड़ो शिकायत और शिकवा, मोहब्बत में खता कुछ भी नहीं हैl उसे ही मुआवजे सरकार देगी, उसी का घर जला […]
दो दिन की चांदनी,फिर अंधेरी रात… क्यों करते हैं भाई,हम राष्ट्रभाषा की बातl भूल जाओ इसे,होगा यही बेहतर… नहीं तो कैसे जा पाएंगे अंतरराष्ट्रीय स्तर परl बच्चों को फिर भारत में ही पढ़ाना होगा… अमेरिका जाने के सपनों से तुम्हें हाथ धोना होगाl आजकल तो हम हिंदी भी अंग्रेजी में […]
मैं किसान के गीत लिखूंगा अपने मन की पीड़ा से, जिनके शब्द शारदे देती अपनी पावन वीणा सेl पवित्र पावन शब्दों का अपमान नहीं कर सकता मैं, छोड़ किसानों को,सत्ता का गान नहीं कर सकता मैंll मेरी कलम नहीं झुक सकती राजाओं के वंदन में, […]
बोल ऐसे बोलिए, जो सदा सुहाय। सुनने में मिठास हो, गैर अपना हो जाए। कटु वाणी दूरी बढ़ाती, मन में वैमनस्य होय। शांति का हरण हो, क्लेश बढ़ता जाए। तनाव रहित जीवन को, परचिंतन न रह पाए। स्मरण करते रहे प्रभु का, सुख ही सुख हो जा॥ […]
लम्बी उड़ान भरती वह, उसके पंखों में हौंसलों की वो ताकत थी। पग पग बढ़ाते मंजिल पाने की, बड़ी अटल उसमें चाहत थी। गिरकर उठना,हारकर जीतना, जैसे सीख रहती थी वह। आसमां छूने की चाहत में, सपनों को सी रही थी वह। कुछ करना था उसे, बुलंदियों पर था पहुंचना। […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।