मातु शारदे! हंसवाहिनी भक्तों को वर दे, चले शुभ्र पथ सतत् निरंतर मन निर्मल कर दे॥ वीणा बजे तेरा कर में भवानी मधुर-मधुर स्वर से, जिस स्वर से बह चले प्रेम की गंगा घर-घर से॥ संस्कृति कला नैतिक मूल्यों को रहे समर्पित मन, निष्ठा की रहे सदा प्रतिष्ठा हो […]