पति के आगे रहती हूँ मैं,अब बिल्कुल ही मौन सखी। कभी-कभी तो ग़ुस्से में वो,लगते मुझको डॉन सखी॥ पहले लाड़ लड़ाते थे वो,अब रहते हैं बदले-बदले। याद नही हैं आज उन्हें कुछ,भूल गए सब वादे पिछले॥ खुद से दूर नहीं करते वो,पल भर को भी फोन सखी। कभी-कभी तो ग़ुस्से […]