कई खुशियां,कई बड़े दर्द, देकर विदा हुआ गया सालl नई खुशियां,नई उमंगें लेकर, आधी रात आया नया सालl जो दर्द मिला उसे भूल जाएं, जो खुशियां मिली वह याद रहेंl जो हमसे रूठे रहे सालों-साल, आओ उनको मनाकर ले आएंl तहेदिल से करें उनका सत्कार, करें प्रतिज्ञा माता-पिता सेवा कीl […]

तड़प रही हूँ आज भी, बयालीस साल पहले जो थी वही तड़प आज भी है। तब रो रही थी, गिड़गिड़ा रही थी हर जगह कभी मंदिर के द्वार कभी गिरजा,मस्जिद,गुरुद्वारा… और कभी एक से बढ़कर एक चिकित्सक के पास,पति के समक्ष सिर्फ एक बच्चा दें… मैं भी मुक्त रहूँ, बाँझ […]

तुम, अपनी उदास काली अंधेरी रातें मुझे दे दो। अपने सभी दुख दर्द आंसू अकेलापन उदासियां सब मुझे दे दो॥ सर्दी, गर्मी पतझड़ आंधी तूफ़ान भी मुझे दे दो। और, ले लो मेरे हिस्से की धूप बसंत हंसी खुशियां। इस नव वर्ष के उपलक्ष्य पर, मैं ले लेना चाहता हूँ। […]

इतना करो न प्यार मुझे, खोने का तमको डर लगता है। हो जाऊँगा फिर मैं तन्हां, दिल को ऐसा अक्सर लगता हैll एक अकेला आशिक़ ये दिल, ढूंढेगा तुझको फिर किन गलियों में। रह जाऊंगा फिर मैं तन्हां, तेरी ही यादों की गलियों मेंll इतना करो न प्यार मुझे, खोने […]

इंसानियत महके चमन में, ज़िंदादिली का त्राण हो स्वार्थपरता की मुफ़लिसी हो, भीरुता निष्प्राण हो ऐसी फ़िज़ा बने वतन की, चहुँओर हर्ष ही हर्ष हो। है प्रभु!! मेरे सपनों का, ऐसा भारत वर्ष हो॥ उन्माद की उल्टी फ़िज़ाएं, स्थायित्व न ले सकें रूढ़ि की काली घटाएं पुनः न फिर घिर […]

पल-पल नव बीते, बीते नव दिवस अरु रात। सप्ताह बावन बीत गए, बीत गए बारह मास॥ फिर आया नव बरस, नव पर नव परभात। हँसी-ख़ुशी अरु आनन्द लिए, मन में अति उल्लास॥ प्रभु की मेहर बनी रहे, घर-घर हो शांति का वास। प्राकृतिक प्रकोप से रक्षा करे, विनती करें दशरथ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।