पुस्तक समीक्षा………………. प्राचीनकाल से बिहार संस्कृति और साहित्य के सन्दर्भ में समृद्ध रहा है और आज भी इसका कोई सानी नहीं है। समय-समय पर समाज के पथ प्रदर्शक और विरासत के संवाहकों को पैदा करने की जिम्मेवारी यहाँ की उर्वर भूमि ने ली है। ग़ज़ल के आसमान में बहुतेरे जुगनुओं […]
संस्कृति,परंपरा,शिष्टाचार, सब गले-मिलें-बांटें प्यार। हृदय-हृदय में नेह पले, द्वार-द्वार एकात्म के दीप जले॥ छट जाएं तिमिर गहरे, घर-घर वेद-पुराण पढ़ें। स्वार्थ,लोभ,ईर्ष्या,द्वेष, फैले हुए क्लेश को हरे॥ आदि शंकराचार्य के मार्ग पर चलें, एकात्म की पावन धारा बहे। छोड़ अहम,वैचारिक स्तर को, एकात्म भाव ले,सब गले […]