न परिंदों में कोई आहट,न फसलों की कहीं आमद, न मौसम में ही कुछ बदला,ये कैसा साल है बदला ? न इन्सानी बढ़े रिश्ते,न मानवता कहीं तड़पी, नहीं इन्सां कहीं बदला,ये कैसा साल है बदला ? न सूरज में बढ़ी गर्मी,न सर्दी में कहीं नरमी, न कोहरे ने ही रंग […]
प्रिय सत्रह साल के दिसम्बर एक गुजारिश है तुझसे, वैसे मांगने की कोई जरुरत नईं , पर मेरी इंसानी फितरत ही है… किसी-न-किसी से कुछ-ना-कुछ, मांगते ही रहने की माता से,पिता से, भाईयों से,बहनों से,दोस्तों गुरूजनों से,अनाकलनीय शक्ति से, भगवान से,ईश्वर से,अल्लाह से… परमपिता से,और न जाने किस-किस से… लेकिन […]
आन-बान-शान बढ़े,भारत का मान बढ़े, मंगल यह राष्ट्रहित आने वाला साल हो। जाति,धर्म,कौम,दल तेरा हो अलग चाहे, कौमी एकता की पर सुंदर मिसाल हो। हो सशक्त देश और तेज ये विकास करे, सैन्य बल पहले से और भी विशाल हो। फैले हरियाली और सब ही निरोगी रहें, नर-नारी,बच्चे-बूढ़े,देश खुशहाल हो॥ […]
संसार का नाम है भ्रमण,संस धातु से बना है जिसका अर्थ है संसरण करना,और संसार में भ्रमण का कारण है मोहl मोह के दो रूप हैं राग और द्वेषl प्रत्येक जीव प्रत्येक क्षण किसी से राग करता है, और किसी से द्वेष करता हैl मोह एक तराजू या तुला है,जिसके […]
हुआ चराचर मुग्धमन,सुन बंशी की तान। कान्हा की छेड़ी मृदुल,ध्वनि जब पहुंची कान॥ पूछे यमुना की विकल,लहरों का संगीत। विकल प्रतीक्षा तक गई,कब आओगे मीत॥ वंशी अब रख दो उधर,अरिमर्दन अभिराम। चक्र सुदर्शन हाथ में,फिर से लो घनश्याम॥ मोह चराचर को लिया,लीला ललित दिखाय। यमुना-तीर तमाल तरु,मुरली मधुर बजाय॥ […]
चारों तरफ हो खुशियां ही खुशियां,कहीं कोई गम न हो हर किसी की थाली में हो खाना और कोई आंख कभी नम न हो। बस नूतन वर्ष पर भगवान से है यही कामना मेरी भारत के लिए, जातिगत मिटे भेदभाव कोई किसी से जात में कम न हो। हंसी-खुशी के […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।