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क़त्ल करता है मुस्कुराहट का, उफ़्फ़ क़यामत है दर्द का झटका। सब गुज़रते हैं मेरे  सीने से, मैं हूँ इक पायदान चौखट का। बादलों से बचा लिया मैंने, चाँद लेकिन शजर में जा अटका। एक मुद्दत हुई ये दरवाज़ा, मुन्तिज़र है तुम्हारी आहट का। मैं जो दीदार को तड़पता हूँ, […]

नई उम्मीदें लेकर फिर,    नया साल आया है। घृणा-द्वेष मिटाने ये,      प्यार साथ में लाया है॥  नए सुहाने ख़्वाब देखता,       अजीब अल्हड़ बचपन है।   कश्मकश के भंवर में उलझा,          कैसा मानव जीवन है॥    सपने नए सजाने फिर,   […]

किसी ने खत भेजा है किसी ने अरमान भेजा है, ये कैलेण्डर का एक पन्ना क्या बदला सारा जहान भेजा है। कोई जो रोज मिलता है सुबहो-शाम उसने भी, और जो बरसों से सूरत नहीं दिखाता उसने भी, जो चार दिन पहले पड़ोस में रहने आया, दिमाग पर बहुत जोर […]

युग सृजन की नव कड़ी को जोड़ती मैं, कुप्रथा की बेड़ियों को तोड़ती मैं। रश्मियों को मैं सदा आहूत करती, रुख हवाओं का प्रभंजन मोड़ती मैंll दीप को देकर सहारा दीप्त करती, मैं सदा नव मल्लिका में ओज भरती। आँधियाँ-तूफान मेरे हमसफर, काल हो-कलिकाल हो,मैं नहीं डरतीll हम अनल में […]

  कोई औपचारिकता नहीं, इसलिए बने बनाए शब्दों का सहारा भी नहीं…। मैं नहीं चाहता कि, बरसों के घिसे-पिटे शुभकामनाओं के शब्दों को फ़िर से थोप दूं तुम पर, जैसा दुनिया करती आई है। मैं नहीं देता हूं तुम्हें… कोई बधाई या शुभकामनाएं, ‘इस अशुभ समय में’ अगर दूं तो […]

कागतन्त्र है, काँव-काँव करना ही होगा नहीं किया तो मरना होगा। गिद्ध दिखाते आँख, छीछड़े खा फ़ैलाते हैं। गर्दभ पंचम सुर में, राग भैरवी गाते हैं। जय नेपाल पराजय, कर प्रबंध झंडा फ़हराते हैं। हुए निसार सहमत जो उनको दिन-रात डराते हैं नाग तंत्र के दाँव-पेंच, बचना ही होगा, नहीं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।