अपने अच्छा होने से दुनिया अच्छी नहीं हो जाती, खुद के सच्चा होने से दुनिया सच्ची नहीं हो जाती। अच्छों के बीच अच्छा होने में क्या बड़ी बात है, सच्चों के बीच सच्चा होने में क्या खास बात है। बड़ी बात है बुरों के बीच अच्छा होना, खास है झूठों […]
वो जो हर रोज बरसते थे घटाओं की तरह , हम भी एक रोज जो बरसे तो बुरा मान गए। कभी शाखों से गुलों को नहीं तोड़ा करते, उनको दी थी जो हिदायत तो बुरा मान गए। फूल मसले जो उन्होंने नहीं देखे कांटे, एक कांटा जो चुभा था तो […]
कंपकपाती ठण्ड में भी, चेक पोस्ट पर खड़े हुए। बदन जलाती गर्मी में भी, जो होते कर्त्तव्य पर अड़े हुए॥ ठनका ठनक रहा होता, या बिजली चमक रही होती। या अपराधी के खेमे से, गोली की बौछारें होतीं॥ चाहे हो कैसी भी विपदा, पर वे न कभी घबराते हैं। देखो […]
कहते हैं कि वह साल पुराना चला गया। अब इस धरती पर सब कुछ होगा नया नयाll पर दिन भी वही और रात पुरानी लगती है। न सूरज में भी कोई मुझको बात सुहानी लगती हैll चांद में भी वही काला दाग पुराना लगता है। हर जीवन […]
कुछ वर्ष पहले तक प्रकृति अपने अनुकूल चला करती थी, गर्मी जाड़ा वर्षा तीनों हीं समय पर हुआ करती थीl जनमानस की वृद्धि अप्रत्याशित तरू का कर रही ह्रास, फिर भी स्वार्थी जाग नहीं रहे केवल स्वच्छ जीवन की कर रहे हैं आसl जहाँ हम खेलते थे खुशी […]
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अचानक हिंदी और भारतीय भाषाओं की याद आई,यह जानकर मेरा हृदय प्रसन्नता से भर गया। हमारे महान वैज्ञानिक प्रो. सत्येंद्रनाथ बोस की १२५ वीं जन्म-गांठ पर बोलते हुए मोदी ने विज्ञान और स्वभाषा के संबंधों पर अपने विचार व्यक्त किए। ऐसे विचार मेरी याद में आज […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।