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रंगों में रंगने मौसम के सजने,
इजहारे ईश्क…
ऋतु बसंत आई है..।
लम्हों को जीने लहरों के बहने,
इंतजारे आशिक…
सुहानी बसंत आई है..।
चाहतों में संवरने साँसों को महकाने,
दिले दुश्मन…
बहारे बसंत छाई है..।
मोहब्बत में चहकने प्यार में रमने,
दिले इकरार…
सुगंधी ऋतु लाई है..।
प्रेम बरसाने प्रीतम से मिलाने,
शबनमे एहसाह मचलती अँगड़ाई…
धरती बन आसमां
मिलन ऋतु आई है..।
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वाह बंसन्तसुगंध मे रंगी बसंती पंक्तियां!!!