मां जैसा कहीं प्यार नही है,, मां के आगंन सा कोई ससांर नही है,, बेटे फिर भी पास है रहते,, क्यूं बेटी का मां पर अधिकार नही है,, भारी पीड़ा भी बेटी ” मां ” से कह देती है, फिर बेटी से विरह को मां कैसे सह लेती है,, मां […]
होरी आयी ,होरी आयी बूढे ,बच्चे सब पर मस्ती छायी। रंगों की हो रही बौछार। आया आज खुशियों का त्यौहार। गुजिया,मठरी बहुत बनाये। ठाकुर जी को भोग लगाये।। आज घर पर बनेगी ठंडाई। जम के चले आज पुरवाई। उस पर चढ़ा भांग का रंग। मस्ती करेंगे सब के संग। ब्रज […]
फरवरी का महीना था ।बात शिवरात्रि की है ,उस दिन सुबह से ही बारिश हो रही थी ।तभी गली में मुझे बीन की आवाज सुनाई दी।किसी ने दरवाजा खटखटाया और आवाज लगाई ,ओम नमः शिवाय । शिव जी का नाम कानों में सुनाई दिया तो खिड़की खोल कर देखा गली […]
चार दिन हो गये लेकिन उस कमरे का दरवाजा नहीं खुला, ना कोई गया। मुहल्ले में सिर्फ और सिर्फ़ यही चर्चा तमाम थी। हर शख्स किसी अनहोनी को सोच ससंकीत नजर आ रहा था। परन्तु खास बात यह थी कि कोई भी शख्स कमरे मे जाकर यह जानने का प्रयास […]
संदीप सृजन ………. “नीरज” हिंदी गीतों का वो राजकुमार जिसे सदियों तक भुलाया नहीं जा सकेगा 19 जुलाई को इस दुनिया को अलविदा कह गया । नीरज हिंदी कविता का वह महान कलमकार जो अपने रोम-रोम में कविता लेकर जीया, नीरज जिसके गीत केवल गीत नहीं है जीवन का दर्शन […]
कागतन्त्र है, काँव-काँव करना ही होगा नहीं किया तो मरना होगा। गिद्ध दिखाते आँख, छीछड़े खा फ़ैलाते हैं। गर्दभ पंचम सुर में, राग भैरवी गाते हैं। जय नेपाल पराजय, कर प्रबंध झंडा फ़हराते हैं। हुए निसार सहमत जो उनको दिन-रात डराते हैं नाग तंत्र के दाँव-पेंच, बचना ही होगा, नहीं […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।