पता नहीं,तब अपोलो या `एम्स` जैसे अस्पताल थे या नहीं, लेकिन बचपन में अखबारों में किसी किसी चर्चित हस्ती-खासकर राजनेता के इलाज के लिए विदेश जाने की खबर पढ़कर मैं आश्चर्यचकित रह जाता था। अखबारों में अक्सर किसी-न-किसी बूढ़े व बीमार राजनेता की बीमारी की खबर होती थी। साथ में उनके इलाज के लिए विदेश रवाना होने से संबंधित तस्वीरें भी। ऐसी खबरों से मैं सोच में पड़ जाता था कि,देश चलाने वाले अपने इलाज के लिए विदेश जाकर क्या देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर खुद ही सवालिया निशान नहीं लगा रहे हैं। शादी,छुट्टियां या बीमारी के इलाज के लिए विदेश सिर्फ राजनेता ही नहीं,बल्कि दूसरे क्षेत्र की नामचीन हस्तियां भी जाया करती थी। पता लगता कि,फलां ने फलां से शादी कर ली और आनंद लेने निकल गया किसी विदेशी स्थल पर। ८०-९० के दशक की फिल्मों में अक्सर देखने को मिलता कि नायक-नायिका ने सात फेरे लिए और पलक झपकते दोनों किसी विदेशी पर्यटन स्थल पर पेड़ों के इर्द-गिर्द नाच-गा रहे हैं। ऐसे दृश्य तब की हमारी जवान हो रही पीढ़ी को हैरत में डाल देते थे। खैर,आश्चर्य करने से भला किसी पर क्या फर्क पड़ने वाला था। ताज्जुब तो नामचीनों के छुट्टियां बिताने विदेश जाने पर भी होता था,क्योंकि नजदीकी पर्यटन स्थान भी हम जैसे लोग एक उम्र गुजरने के बाद ही जा पाए थे। कुछ आर्थिक परेशानियां,तो कुछ खुद को गैर जिम्मेदार या ऐशपसंद साबित करने से बचने के लिए। खैर,मेरे छात्र जीवन में ही एक राजनेता कम अभिनेत्री के विदेश में प्रसव की खबर की उस दौर के समाचार-पत्र में खूब सुर्खियां बनी थी। कहा गया कि,अभिनेत्री ने अपने नवजात को विदेशी नागरिकता दिलाने के लिए यह कदम उठाया। बहरहाल,कुछ दिनों के विवाद के बाद हमेशा की तरह उस अभिनेत्री ने सुर्खियों में चल रही उस खबर का खंडन कर दिया था। इधर,अनेक हृदयविदारक घटनाओं के बीच बीता पखवाड़ा खबरों की जबरदस्त खुराक वाला रहा। सनकी तानाशाह,तथाकथित बाबा रहीम के रहस्यमयी तिलिस्म और क्रिकेट के विराट की शादी से जुड़ी खबरें दर्शकों के सामने चटपटे व्यंजनों से सजी थाली की तरह परोसी जाती रही। ये तीनों महानुभव पिछले कई महीनों से खबरों की दुनिया को गुलजार किए हुए हैं। पहले बात स्वघोषित बाबा की,जो इन दिनों जेल में है,लेकिन इनके कारनामे आम लोगों को किसी रहस्यमयी दुनिया का आभास कराते हैं। समझ में नहीं आता कि,जेल जाने से पहले ये बाबा क्या-क्या करते थे। यदि कारस्तानियां ऐसी-ऐसी तो इतनी दौलत किस जादू से जमा कर ली। इनके चेले-चेलियां और शागिर्दों के कारनामे बाबा से किसी भी मायने में कम नहीं हैं। कभी इस कुनबे की काली कमाई अरबों-खरबों में बताई जाती रही है। वैभवपूर्ण खबरों से टीवी के पर्दे पर रंगीनियत बिखरती रही। अचानक बताया गया कि,बेचारे बाबा की एक चेली कंगाल हो चुकी है। उसके पास वकील करने लायक भी पैसे नहीं। दो-चार दिनों की गुमनामी के बाद जैसे ही हम बाबा के कारनामों को भूलने की कोशिश करते,तभी कोई-न-कोई चैनल फिर इसी विषय पर चटपटी खबरें लेकर हाजिर हो रहा है। अब बात देश से हजारों मील दूर बसे सनकी तानाशाह की। यह शख्स भले ही विदेशी हो, लेकिन अपने चैनल वालों के खूब काम आ रहा है। लगता है कि, यह मीडिया के लिए बगदादी का बेहतर विकल्प बनकर उभरा है। रोज किसी-न-किसी चैनल पर सनकी तानाशाह के हैरतअंगेज कारनामों के बारे में चटपटी खबरें परोसी जाती है। सोचना पड़ता है कि,इतना सनकी और बददिमाग आदमी क्या किसी देश का शासक बना रह सकता है। खैर खबरों की बड़ी खुराक में क्रिकेट के विराट की शाही शादी ने भी कम स्वाद नहीं दिया,वह भी विदेश में। शादी से ज्यादा अपना ध्यान विदेशी स्थल ढूंढने में ही व्यस्त रहा कि,कम-से-कम टेलीविजन के पर्दे पर ही विदेशी धरती की सुरम्य वादियों के दर्शन हो जाएं। सोशल मीडिया से लेकर चैनलों तक में हर जगह इस शादी को ऐतिहासिक बनाने में कोई कसर नहीं रहने दी गई। शादी के बाद मधुचंद्रिमा की तस्वीरें भी छाई रही। खैर बड़े लोगों की शादी हो,या बीमारी अपने-आप में ही बड़ी खबर जरूर है।
#तारकेश कुमार ओझा
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं | तारकेश कुमार ओझा का निवास भगवानपुर(खड़गपुर,जिला पश्चिम मेदिनीपुर) में है |
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