ग़ज़ल

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ajit raj
दिल में खार चुभा हो तो ग़ज़ल होती है
अलफ़ाज़ में लहू मिले तो ग़ज़ल होती है
दिल ऐ जज़्बात तो हर शख्स कह लेता है
उसमें भी कोयी बात हो तो ग़ज़ल होती है
सफ़र तो सभी करते हैं जिन्दगी का यार
जो मंज़िल की ख़बर हो तो ग़ज़ल होती है
हर ख़्वाब पूरा नहीं होता एक रात में
ख़्वाब अधूरा ही रहे तो ग़ज़ल होती है
हर ज़ख्म का शफा है जहाँ में ऐ ‘राज’
ज़ख्म जब नासूर बने तो ग़ज़ल होती है
#अजीत ‘राज’
परिचय : अजीत राज
पता          — बीकानेर, राजस्थान
सम्मान      —- 
नगर निगम द्वारा साहित्य सम्मान 
नगर निगम द्वारा रंग सम्मान
बीकानेर थियेटर एसोसिएशन द्वारा रंग सम्मान
स्थानीय संस्थाओं द्वारा सम्मान
उत्तर भारतीय हिन्दी साहित्य परिषद, देहरादून द्वारा साहित्य रत्न सम्मान
अमृतधारा ऑर्गेनाइजेशन, जलगाँव द्वारा अमृतादित्य साहित्य सम्मान

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।