बहुत-सी बातें कहती दिनभर,
फिर भी अनकही सी रह जाती..
गृहस्थी की चिंगारियों को अपने
आंचल से ढँककर छुपाती,
खुद अस्त-व्यस्त होकर भी..
सबकी जिंदगी मे रंग भरती..
अंदर-ही-अंदर धधकती,
मुंह पर झूठी मुस्कान बिखेरती..
ये सुप्त ज्वालामुखी-सी औरतें….।
लीपे-पुते चेहरे से झाँकती,
उदासी की लकीरें दबा नहीं पाती..
प्याले में चाय उंडेलते-उंडेलते,
अपनी इच्छाएं भी उंडेलती जाती..
अपनी तकलीफ़ें,अपनी उलझनें, अपनी लटों के साथ गूंथती
हक़ मिलने की आस में,
रोज क्षितिज को ताकती..
अपने अस्तित्व से अंजानी औरतें….।
झूठे प्रेम की आस में रोज,
तन-मन को न्योछावर करती..
तनहाई में गीतों के साथ चुपके से, अपनी प्रेम कथाओं को पिरोती..
मेके की याद में भर आई आंखों के, गीलेपन को चूल्हे के धुएँ में उड़ाती.. पुराने एल्बम के साथ अपनी, विवशताओं को भी पलटती जाती..
छोटी या बड़ी नहीं,बस समझदार होती हैं औरतें…।
यादों के उफनते ज्वार को सलीके से, रिमझिम सावन के साथ बहा देती..
एक ही जीवन में राधा,मीरा,सीता भी, द्रौपदी,अहिल्या भी बन जाती..
खुद ही खुद को सीमाओं में बांधती, खुद ही खुद को नकारती..
सीलन-सी जिंदगी में धूप के
कतरे समेटती औरतें …।
#सुषमा दुबे
परिचय : साहित्यकार ,संपादक और समाजसेवी के तौर पर सुषमा दुबे नाम अपरिचित नहीं है। 1970 में जन्म के बाद आपने बैचलर ऑफ साइंस,बैचलर ऑफ जर्नलिज्म और डिप्लोमा इन एक्यूप्रेशर किया है। आपकी संप्रति आल इण्डिया रेडियो, इंदौर में आकस्मिक उद्घोषक,कई मासिक और त्रैमासिक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन रही है। यदि उपलब्धियां देखें तो,राष्ट्रीय समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में 600 से अधिक आलेखों, कहानियों,लघुकथाओं,कविताओं, व्यंग्य रचनाओं एवं सम-सामयिक विषयों पर रचनाओं का प्रकाशन है। राज्य संसाधन केन्द्र(इंदौर) से नवसाक्षरों के लिए बतौर लेखक 15 से ज्यादा पुस्तकों का प्रकाशन, राज्य संसाधन केन्द्र में बतौर संपादक/ सह-संपादक 35 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है। पुनर्लेखन एवं सम्पादन में आपको काफी अनुभव है। इंदौर में बतौर फीचर एडिटर महिला,स्वास्थ्य,सामाजिक विषयों, बाल पत्रिकाओं,सम-सामयिक विषयों,फिल्म साहित्य पर लेखन एवं सम्पादन से जुड़ी हैं। कई लेखन कार्यशालाओं में शिरकत और माध्यमिक विद्यालय में बतौर प्राचार्य 12 वर्षों का अनुभव है। आपको गहमर वेलफेयर सोसायटी (गाजीपुर) द्वारा वूमन ऑफ द इयर सम्मान एवं सोना देवी गौरव सम्मान आदि भी मिला है।
भावपूर्ण अभिव्यक्ति !!!
सुन्दर रचना
Bahut khubsusat rachna bahut bahut shubkamanaye. ….
सुषमा जी कविता औरत के जीवन की पूरी व्याख्या है । बधाई,
हार्दिक धन्यवाद लिली जी
bahut bahut shukriya
bahut bahut shukriya
हार्दिक आभार देवेन्द्र जी