हार जीत का वोट युद्ध था,
कोई जीता कोई हारा।
दल दलदल को भूल सखे अब,
अपना लो भाई चारा।
जीत किसी की नहीं चुनावी,
यह तो जनमत जीता है।
राष्ट्रप्रेम का भाव जगा है।
देख रहा है जग सारा।
हार नहीं है यह विपक्ष की,
यह तो बस गठबंधन हारा।
जाति धर्म अरु क्षेत्रवाद से,
करते लगते लोग किनारा।
जोड़ तोड़ का युग हारा है,
वंशवाद की जड़े हिली।
चाहत भारत माँ के आँचल,
एक रहे भारत सारा।
कदम बढ़ा सोपान चढ़ो अब,
नव भारत निर्माण करें।
सबके दिल में भारत हो बस,
भारत हित निर्वाण करें।
भारत के हित जीना मरना,
देश प्राण से प्यारा हो।
शान तिरंगे भारत माँ हित,
भाई चारा प्राण भरें।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः