कुण्डलियाँ (1) विषय- अविरल अविरल गंगा धार है, अविचल हिमगिरि शान! अविकल बहती नर्मदा, कल कल नद पहचान! कल कल नद पहचान, बहे अविरल सरिताएँ! चली पिया के पंथ, बनी नदियाँ बनिताएँ! शर्मा बाबू लाल, देख सागर जल हलचल! अब तो यातायात, बहे सडकों पर अविरल! . 👀👀👀 कुण्डलियाँ (2) […]

. 🏉🏉 १ 🏉🏉 सर्दी का संकेत हैं, शरद पूर्णिमा चंद्र। कहें विदाई मेह को, फिर आना हे इन्द्र। फिर आना हे इंद्र, रबी का मौसम आया। बोएँ फसल किसान, खेत मानो हरषाया। शर्मा बाबू लाल, देख मौसम बेदर्दी। सहें ठंड की मार, जरूरत भी है सर्दी। . 🏉🏉 २ […]

चंद्र इंद्र नभ देव, सदा शुभ पूज्य हमारे। हम पर रहो प्रसन्न, रखो आशीष तुम्हारे। लेकिन मन के भाव, लेखनी सच्चे लिखती। देव दनुज नर सत्य, कमी बेशी जो दिखती। . ✨✨✨ क्षमा सहित द्वय देव, पुरानी बात सुनाऊँ। लिखता रोला छंद, भाव कुछ नये बताऊँ। शर्मा बाबू लाल, सुनी […]

. (ढूँढाड़ी दोहा छंद) . ✨✨✨✨✨ पीव कनागत भी गया, दौरा लागै काग। यादाँ थारी आवती, हिवड़ै सुल़गै आग।। . ✨✨✨✨✨✨ थाँकी सौगन सायबा,याद करूँ वै बात। तारा गिणती काटती, विरहा सारी रात।। . ✨✨✨✨✨ दिन भर काग उडावताँ,सगुन मनाऊँ कंत। चढूँ डागलै देख री, आताँ जाता पंत।। . ✨✨✨✨✨ […]

. ✨✨१✨✨ दिनकर दिनकर से हुए,हिन्दी हिन्द प्रकाश। तेज सूर जैसा रहा, तुलसी सा आभास।। . ✨✨२✨✨ जन्म सिमरिया में लिये, सबसे बड़े प्रदेश। सूरज सम फैला किरण, छाए भारत देश।। . ✨✨३✨✨ भूषण सा साहित्य ध्रुव, प्रेमचंद्र सा धीर। आजादी के हित लड़े,दिनकर कलम कबीर।। . ✨✨४✨✨ भारत के […]

ऐसे सच्चे साधु जन, जैसे सूप स्वभाव। यह तो बीती बात है, शेष बचा पहनाव। शेष बचा पहनाव,तिलक छापे ही खाली। जियें विलासी ठाठ, सुनें तो बात निराली। कहे लाल कविराय, जुटाते भारी पैसे। सुरा सुन्दरी शान, बने स्वादू अब ऐसे। . ✨✨✨✨✨ टोले साधु सनेह जन, चेले चेली संग। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।