अभिलाषाओं को अभिव्यक्त करती , भावनाओं को चित्रित करती , कल्पनाओं के सिंधु में अनुपम अलंकृत होती , वह है अतुल्य अनुपम हिंदी । मां वाग्मयी के आशीर्वाद की तरंगिणी , काव्य का आलौकिक अल्हाद ,अनुभूति का सृजन , वर्ण से अक्षर तक नवल गीत अनंत रंगीनी , कभी चारु […]

शीत ओस द्वय हारे, पीत पुष्प देख भारे, ताक रहे भृंग प्यारे, कुसुम पलाश के। चाह रखे मधु पिएँ, कली संग फूल जिएँ, फाग राग चाह लिए, कामना हुलास के। मर्त्य जीव चाह रहे, सुखदा समीर बहे, प्रीति रीति कर गहे, संगिनी तलाश के। रस हीन गंध हीन, मानवी पलाश […]

अच्छे दिन की बातें करके सत्ता पाकर, मद में सब नेता सत्ताधारी गर्वित हैं। जनता को अब कौन पूछता है फुसलाकर। केसरिया रँग को धारे बनते धर्मित हैं। कमर तोड़ती मँहगाई जनता पर भारी। चीख पुकार रही है जनता।नहीं सहारा दिया किसी ने।रोक नहीं कोई सरकारी। पाई पाई को तरस […]

कुण्डलियाँ (1) विषय- अविरल अविरल गंगा धार है, अविचल हिमगिरि शान! अविकल बहती नर्मदा, कल कल नद पहचान! कल कल नद पहचान, बहे अविरल सरिताएँ! चली पिया के पंथ, बनी नदियाँ बनिताएँ! शर्मा बाबू लाल, देख सागर जल हलचल! अब तो यातायात, बहे सडकों पर अविरल! . 👀👀👀 कुण्डलियाँ (2) […]

कुण्डलियाँ (1) विषय- अविरल अविरल गंगा धार है, अविचल हिमगिरि शान! अविकल बहती नर्मदा, कल कल नद पहचान! कल कल नद पहचान, बहे अविरल सरिताएँ! चली पिया के पंथ, बनी नदियाँ बनिताएँ! शर्मा बाबू लाल, देख सागर जल हलचल! अब तो यातायात, बहे सडकों पर अविरल! . 👀👀👀 कुण्डलियाँ (2) […]

आज जरूरत है मानव की, विश्व शांति कायम होवे। वतन मान की सोच रखें पर विश्व मनुजता क्यों खोवे। मानव तो बस मानव होता, मानवता के गुणधारी। देश धर्म में बाँट मनुज को, राज करे सत्ता धारी। कुछ देशों की तानाशाही, कुछ को भारी पड़ती है। सत्ता की यह खेंचातानी, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।