आशा

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भुला सको तो भुला ही देना
उन बेबुनियादी बातों को।
मिटा सको तो मिटा ही देना
उन आध-अधूरी यादों को।
गर समझ सको मेरे इस मन को
तो मन में बसाकर रखे रहो।
नही हौसला हो रखने का
तो दूर नही अति दूर रहो।।
मिट्टी का तेरा तन भी है
मिट्टी का ही मेरा तन।
जब सब कुछ एक सरीखा अपना
तो किस पर मान करे अब हम।
जीवन चंद्र लम्हों का अपना
फिर पता नही क्या होगा रंग।
लोग कहेंगे क्या अब हमसे
 यह भाव छोड़ रहे सब संग।
नही विस्मरण करें उन्हें हम
जिनसे जीवन फला-बड़ा।
हो तूफानी ही रातें  क्यों न
आ देखें आंगे कौन खड़ा।
यह जीवन एक परीक्षा ही है
जो हर पल एक संघर्ष है।
आज नही जीते तो कल है
यही आश नव विहर्ष है।।
चलो रुकों न खूब बड़ो बस
नही किसी से कुछ लेना है।
जो भी प्राप्त हुआ है हमको
बस वही बाँट खुश रहना है।
उत्कर्षमयी होवे मम जीवन
मृत्यु से भी डरे नही।
रहे अडिग हम हर हालत में
हम रहें न रहें पर मिटें नही।
*शास्त्री दीपक जैन “ध्रुव”*
           *(तिगोड़ा)*

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।