मातृभाषा द्वारा भारत के प्रधानमंत्रियों पर आलेख लेखन प्रतियोगिता का आयोजन, अंतिम तिथि 9 जून 2024

3 0
Read Time2 Minute, 39 Second

मातृभाषा डॉट कॉम लाया है आपके लिए आलेख लेखन प्रतियोगिता।

विशेष आलेख लेखन प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है, जो एक खुला मंच है सभी बुद्धिजीवियों के लिए जिसमें हमारे भारत के विभिन्न प्रधानमंत्रियों के बारे में आप आलेख लिखकर भेज सकते हैं, जिसका प्रकाशन मातृभाषा डॉट कॉम पर तो होगा ही, श्रेष्ठ आलेख को पुरस्कृत भी किया जाएगा, साथ ही, संस्मय प्रकाशन उसे पुस्तकबद्ध कर प्रकाशित भी करेगा।
प्रतियोगिता के नियम:-

● प्रतियोगिता सभी के लिए खुली है अतः आप सभी इसमें भाग ले सकते हैं।
● आपकी रचना देवनागरी लिपि में टंकित होनी चाहिए। यह प्रतियोगिता पूर्णतः निःशुल्क है।
● मानक आलेख में निम्नांकित बिन्दुओं को अनिवार्यतः लिखना ही है।
• जन्म-परिचय
• प्रारंभिक जीवन
• शिक्षा-दीक्षा
• राजनैतिक जीवन
• सामाजिक दायित्व
• विशेष जानकारी
• प्रधानमंत्री कार्यकाल
• कार्यकाल की विशेष उपलब्धि
• कोई ख़ास किस्सा उनके बारे में
• साहित्यिक या अन्य अवदान

● एक रचनाकार केवल एक ही आलेख भेज सकता है।
● आलेख लेखन की शब्द सीमा 300 होगी।
● संस्थान के सम्पादक मण्डल व चयन समिति द्वारा सर्वश्रेष्ठ रचना का चयन किया जाएगा एवं विजेता का नाम 15 जून 2024 को घोषित कर उन्हें पुरस्कार व डिजीटल प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
● चयन पैनल का निर्णय सर्वमान्य होगा।
रचना के नीचे रचनाकार की सामान्य जानकारी, जैसे- नाम, पता, सम्पर्क सूत्र, ई-मेल आदि अवश्य लिखा होना चाहिए एवं एक पासपोर्ट फ़ोटो ज़रूर संलग्न करें।
प्रतियोगिता में शामिल होने व रचना भेजने की अंतिम तिथि 9 जून 2024 है, इसके बाद किसी भी रचनाकार की रचना स्वीकार नहीं की जाएगी।
रचना, परिचय व फ़ोटो matrubhashaa@gmail.com पर ईमेल करना है या +919406653005 पर वॉट्सएप भी कर सकते हैं।

matruadmin

Next Post

कविता- एक मौसम ऐसा भी!!

Sat Jun 1 , 2024
रैन तुम्हारे संग बीते फिर , बीते भोर ख्यालों में, बन पगली फिर फिरा करुं मैं , तपते हुए उजालों में । मैं बरखा बन-बन बरसुं, बन पतझर झर- झर जाऊँ रे, शीत ऋतु में तपुं आग सी, ग्रीष्म में ठंडक पाऊँ रे, करूँ कल्पना प्रेम की अब चाहे होगा […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।