हमारे देश में गणित को हम हमेशा कठिन विषय मानते हैं पर यह बात गलत है। गणित से सरल कोई विषय नहीं है। छोटी क्लास के बच्चों को पहाड़े कठिन पड़ते हैं। पर उनको सरल बनाया जा सकता है। गणित के ही शब्द में उसका अर्थ छुपा है, यह कहना […]

चल अकेला चल अकेला मत निराशा साथ ले। बढ़ अकेला बढ़ अकेला मत निराशा साथ ले।। स्वप्न सी ही जिंदगी है जी ले हर पल मस्ती से। क्या पता कल हो या न हो प्यार भरी इस बस्ती में।। रिश्ते नाते की दीवारें तोड़ ले मन जोड़ ले बढ़ अकेला……….. […]

जब कभी भी उठने की कोशिश की तब तब गिराने बालों ने बहुत मन्नते की। कि काश, यह कभी न उठे। पर उठने की, जो मन में ठाने थे। बे उठे बहुत उठे इतने ऊँचे उठे कि गिराने वालो की सारी कोशिसे नाकामयाब हो गयी।। वे बढे बहुत आंगे बढे […]

भुला सको तो भुला ही देना उन बेबुनियादी बातों को। मिटा सको तो मिटा ही देना उन आध-अधूरी यादों को। गर समझ सको मेरे इस मन को तो मन में बसाकर रखे रहो। नही हौसला हो रखने का तो दूर नही अति दूर रहो।। मिट्टी का तेरा तन भी है […]

जाडे का निशीथ समय कडाके की ठंड घना कुहासा पंछी भी घोसले से बाहर नहीं निकल रहे थे। ठिठूरती जा रही थी हाड-माँस-पेशियां, शाम का जलाया हुआ अलाव राख हो चुका था। ओढ के काली कम्बल नभ में छुप गयें थें सारे तारे चाँदनी भी आज धरती से बात करने […]

अपने दुःखों को हमेशा, मुझसे छुपाती है मेरी माँ। मेरे लिए अनेक, कष्ट उठाती है मेरी माँ। मेरी नादान हरकतों पर, पड़ोसी बार-बार उलाहने देते, करके मेरी ही वकालत, मेरी हर बात दबाती है मेरी माँ। कहीं मेरी आदत न बिगड़ जाए, इसलिए कभी डाँटकर। कभी प्यार से, मुझे बार-बार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।