गोवर्धन पूजा करे, सब मिलकर के आज।
गोधन,पशुधन,सुरक्षा,खेत किसानी काज।
खेत किसानी काज, कृष्ण गोवर्धन धारे।
करी सुरक्षा मेह ,इन्द्र जब बरसे भारे।
सैनिक खेत किसान,हमे प्यारा हो गोधन।
पशुधन को दें मान, करें पूजा गोवर्धन।
दाल चूरमा बाटियाँ, गोबरधन त्यौहार।
बने सवाया भोज है, सधे सभी व्यवहार।
सधे सभी व्यवहार,भोगअनकुट का खाते।
मिले बाँट जो खाय,वही परमपद को पाते।
राजा हो या रंक, पूछें आपस में हाल।
दीन गरीबी बैर, की गले नहीं फिर दाल।
गोधन के मेंहदी लगा,कीजे खूब सिंगार।
चारा पानी दीजिए, करिये प्यार दुलार।
करिए प्यार दुलार, रीढ़ है यही हमारी।
पशुधन के सम्मान, टिकी है खेती सारी।
अन्नदातार किसान,मनालो संग गोवर्धन।
दूध दही की नदी, बहेगी पूजे गोधन।
खुशी मिले हर वर्ग को, ऐसा है त्यौहार।
बची बहुत मिठाइयाँ, बचा पटाखे चार।
बचा पटाखे चार, बाँट कर ऐसे खेलें।
मिटे विषमता बैर, लगे खुशियों के मेले।
शर्मा बाबू लाल , क्यों करते हँसी गिले।
सृजिए ऐसे साज,ईश जन को खुशी मिले।
पर्व कृषक का आज है, कृष्ण संग गोपाल।
सारे भारतवर्ष में , धरा पूत महि पाल।
धरा पूत महि पाल,मिले गोधन को चारा।
धानी चूनर होय, धरा खुश पशु धन सारा।
खूब मने त्यौहार, नहीं हो पर्व कसक का।
खुशियाँ मिले अपार,मने यों पर्व कृषक का।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः