# गोपाल कौशलपरिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।
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सबसे न्यारा, प्यारा- सा हमारा बचपन
कहते जाकर कभी नही आता बचपन।
पर मैंने देखा पापा,मम्मी,दादा-दादी को
यह फिर आ जाता , जब बीतता पचपन ।।
ईष्या-द्वेष, बैर-संघर्ष में नही मिले बचपन
बडप्पन में सब इंसान डूबे , भूलें बचपन ।
बचपन की एक सीख बदल देती जीवन
यही सीख दिला जाती हैं बीता बचपन ।।
आओं निच्छल मन से रखें अपनापन
हम सबके दुख हरे ,दूर करें परायापन ।
काम-क्रोध, मोह-माया को समाप्त करें
निर्मल भाव लिए फिर लौट आएं बचपन ।।
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